उन्होंने पिछले साल कॉन्क्लेव का पहला संस्करण उसी दिन आयोजित किया था, जिसमें महिलाओं के अधिकारों और न्याय तक पहुंच का समर्थन करने के लिए चल रही पहलों के लिए मंच तैयार किया गया था। कॉन्क्लेव के दौरान, डिसूजा ने महिलाओं के लिए कानूनी सशक्तिकरण के महत्व पर जोर दिया और कहा, एक महिला किसी भी चुनौती को जीत सकती है अगर वह ठान ले। उन्होंने कहा, महिला कांग्रेस महिलाओं के अधिकारों के आस-पास की कहानी को स्थानांतरित करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि महिलाओं के अधिकार अंतर्निहित और अविच्छेद्य हैं, विशेषाधिकार नहीं दिए जाने हैं। हमारे चल रहे प्रयासों में महिलाओं की कानूनी आवश्यकताओं के लिए सुलभ और स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए पूरे भारत में जिला केंद्र स्थापित करना शामिल है।
पिछले साल पार्टी की महिला विंग ने 'स्त्री' नाम से हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसमें घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ अपराधों जैसे मुद्दों के लिए मुख्य रूप से कानूनी सहायता के लिए 3,000 कॉल प्राप्त हुए हैं। कॉन्क्लेव के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने महिला सशक्तिकरण और न्याय तक पहुंच के महत्व पर जोर दिया। डिसूजा ने कहा : हम महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। साथ मिलकर, हम एक ऐसे समाज का निर्माण करेंगे जो महिलाओं के अधिकारों को बनाए रखता है और उनकी रक्षा करता है। लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने एक ऐसे समाज की जरूरत पर जोर दिया, जहां महिलाएं सुरक्षित महसूस करें। राज्यसभा सदस्य के.टी.एस. तुलसी ने समय पर न्याय की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा, सभी के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए समय पर न्याय देना आवश्यक है।
वयोवृद्ध वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा : राजीव गांधी की छाप हम सभी पर है, और इसे मिटाया नहीं जा सकता। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने राष्ट्र की भलाई के लिए उनके मार्ग का अनुसरण करें। भारतीय युवा कांग्रेस ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया। संगठन के प्रमुख श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि शहीद पूर्व प्रधानमंत्री की सोच क्रांतिकारी थी और उन्होंने युवा भारत की नींव रखी। उन्होंने कहा, आज हम जिस डिजिटल क्रांति में हैं, देश में उसकी नींव राजीव गांधी ने रखी थी। वह राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने आयु सीमा कम कर युवाओं को वोट देने का अधिकार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि राजवी गांधी ने पंचायती राज के माध्यम से अधिकारों और शक्ति को गांवों की चौखट तक पहुंचाया। जब देश में अस्थिरता का माहौल था, पंजाब से लेकर असम तक असंतोष पनप रहा था, तब राजीव गांधी ने बापू के बताए रास्ते पर चलते हुए शांति समझौते कर देश को एकजुट रखा।
रक्तदान शिविर के दौरान यहां आईवाईसी कार्यालय में करीब 400 यूनिट रक्तदान किया गया। 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान लिट्टे के एक आत्मघाती हमलावर द्वारा गांधी की हत्या कर दी गई थी। दिल्ली में यमुना नदी के तट पर वीर भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया था। उनकी पुण्यतिथि को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है।