महर्षि दयानंद ने राष्ट्र की आत्मा जागृत की

Update: 2023-10-04 11:43 GMT
चंडीगढ़। हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना करके राष्ट्र की आत्मा को जागृत किया और वेदों को उनके मूल स्वरूप में पुनस्थापित करना सुनिश्चित किया, जैसा कि वेद व्यास ने किया था। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने देश की सांस्कृतिक और बौद्धिक जागृति को तेज करने में मदद की। उन्होंने कई क्रांतिकारियों को प्रेरित किया और देश में कई सामाजिक सुधारों के वे जनक थे। आर्य समाज की स्थापना करने तथा उनके विचारों व कार्यों को धरातल पर साकार रूप देने के लिए देश व विश्व सदैव महर्षि दयानन्द का ऋणी रहेगा। कंवरपाल ने यह बात आज जगाधरी के जयरामपुर अलीपुरा गांव में आर्य समाज के 14वें वार्षिक उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान कही। कार्यक्रम में ग्रामीणों द्वारा जयरामपुर अलीपुरा का नाम आर्यपुरम रखने की मांग की गई।
जिस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ग्रामीण लिखित में मांग पत्र देंगे तो इसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र की भावना को जागृत करने की दिशा में काम कर रहे हैं और इसकी मूल अवधारणा महर्षि दयानंद के जीवन और कार्यों से ली गई है। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने अंधश्रद्धा से घिरे देश को जागृत कर अनेक बुराइयों से मुक्त कराया और सत्यार्थ प्रकाश के माध्यम से विश्व को सत्य से आलोकित किया। आर्य समाज के रूप में महर्षि दयानंद ने एक ऐसी परंपरा की स्थापना की जो आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति और विश्व कल्याण को गति प्रदान करेगी। कंवरपाल ने कहा कि आर्य समाज वैदिक सिद्धांतों पर चलने का संदेश देता है। वेदों में जीवन जीने की शैली से लेकर पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन, सामाजिक कर्तव्य, युद्ध शैली, चिकित्सा तक की विधाएं बताई गई हैं। आर्य समाज सामाजिक, आत्मिक व शारीरिक उन्नति का संदेश देने के साथ सामाजिक दायित्वों व नियमों के निर्वहन का संदेश देता है। संसार का कल्याण करने की कामना के साथ प्राणियों में सद्भावना की विचारधारा केवल आर्य सिद्धांत में ही है।
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