महाराष्ट्र : औरंगाबाद में ब्लैक फंगस का विस्फोट, 53 लोगों की मौत 600 मरीज संक्रमीत

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस अब विस्फोटक रूप ले चुका है

Update: 2021-05-29 07:38 GMT

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) या ब्लैक फंगस अब विस्फोटक रूप ले चुका है. यहां म्यूकोरमाइकोसिस से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक ब्लैक फंगस के नाम से जानी जाने वाली इस बीमारी के मरीजों की संख्या पोने छह सौ तक पहुंच चुकी है. प्राइवेट अस्पतालों द्वारा अब तक मरीजों और मृतकों के आंकड़े छुपाए जा रहे थे. लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी ने होश उड़ा दिए हैं. इस जानकारी के मुताबिक अब तक 53 लोगों को इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है.

औरंगाबाद में कोरोना का संक्रमण कम होने की वजह से लोगों ने राहत की सांस ली थी. लेकिन अब म्यूकोरमाइकोसिस की जकड़ में औरंगाबाद को आते देख नागरिकों के मन मे चिंता घर कर गई है. इस पर चिंता बढ़ाने वाली बात यह कि इस बीमारी के इलाज में लगने वाले इंजेक्शन की कमी बताई जा रही है. इससे मरीजों के रिश्तेदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका
औरंगाबाद में म्यूकोरमाइकोसिस के 399 मरीज होने की खबर गुरुवार को आई थी. लेकिन एक ही दिन में एकदम से 177 मरीजों की संख्या बढ़ गई. यह संख्या शुक्रवार को 576 तक पहुंच गई. अब इस संख्या में और भी तेजी से वृद्धि होने की आशंका जताई जा रही है. अचानक म्यूकोरमाइकोसिस के इस विस्फोट को देखकर स्वास्थ्य विभाग हैरान है. औरंगाबाद में म्यूकोरमाइकोसिस का फैलाव तो देखकर कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई है.
मरीजों और मृतकों की संख्या छुपाई गई!
अनेक अस्पतालों में म्यूकोमाइकोसिस के मरीजों की असली संख्या को छुपाने की कोशिशें की जा रही थीं. इससे ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या और उस बीमारी से होने वाली मृत्यु की संख्या एकदम से सामने आ गई, जिसे देखकर स्वास्थ्य विभाग भौंचक्क रह गया. अब विशेषज्ञों द्वारा यह बताया जा रहा है कि इस बीमारी के मरीजों की संख्या में अभी और अधिक वृद्धि हो सकती है. ऐसे में चिंता बढ़ना लाजिमी है.
स्वास्थ्य विभाग को पता ही नहीं, क्या चल रहा…?
म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों का उपचार करने वाले कुछ अस्पतालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को थी ही नहीं. यही वजह है कि मरीजों की सही जानकारी अब तक सामने नहीं आई थी. आखिर ऐसे मरीजों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग को अब जानकारी मिल गई है. ये अस्पताल आखिर कौन हैं, इसका पता अभी लगाया जा रहा है.


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