HC कोर्ट का आदेश - आशीष मिश्रा के बेल ऑर्डर में जुड़ेंगी छूटी हुई धाराएं 302 और 120B, कल जमानत पर हो सकते हैं रिहा

Update: 2022-02-14 06:27 GMT

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू (Ashish Mishra) कल जमानत पर रिहा हो सकते हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा के बेल ऑर्डर में 302 और 120B धारा जोड़कर नया ऑर्डर जारी करने का आदेश दिया है. पहले अदालत ने उन्हें सभी धाराओं में जमानत नहीं दी थी.

लखीमपुर पुलिस ने अदालत में दायर आरोपपत्र में मिश्रा पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 326, 34, 427 और 120 बी के साथ-साथ धारा 3/25, 5/27 और 39 शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं. पहले अदालत के आदेश ने उन्हें आईपीसी की धारा 147 148, 149, 307, 326 और 427 के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 34 और 30 के तहत आरोपों के लिए जमानत दे दी थी. जमानत आदेश में आईपीसी की धारा 302 और 120 बी का कोई उल्लेख नहीं था. दोनों धाराएं क्रमश: हत्या और आपराधिक साजिश से संबंधित हैं.
क्या है लखीमपुर मामला
पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे. SUV की चपेट में आने से चार किसानों की मौत हो गई. गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी. हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई, जिसने केंद्र के अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी दलों और किसान समूहों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया.



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