उप राज्यपाल पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप, पूजा को लेकर हुआ विवाद

Update: 2022-05-10 00:52 GMT

कश्मीर। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अनंतनाग में पूजा को लेकर विवाद हो गया है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सिन्हा 'पूजा' पर आपत्ति जताई है. ASI के अधिकारियों ने कहा कि अनंतनाग में उनके द्वारा संरक्षित मार्तंड सूर्य मंदिर परिसर में आयोजित 'पूजा' नियमों का उल्लंघन है. ये मसला केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के समक्ष उठाया गया है. ASI का ये भी कहना है कि इस पूजा के लिए संरक्षण निकाय से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. बता दें कि रविवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर में जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा द्वारा पूजा की गई थी. इस मंदिर का निर्माण कश्मीर के महान राजा ललितादित्य मुक्तपीड़ा द्वारा किया गया था और बाद में इस्लामिक शासक सुल्तान सिकंदर बुतशिकन ने इसे नष्ट कर दिया था.

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, पूजा के लिए लिए केंद्र शासित प्रदेश के बाहर से पुजारियों को बुलाया गया था. एएसआई ने अनंतनाग जिला प्रशासन को नाराजगी से अवगत कराया है और इस मसले पर चिंता जताई है. दरअसल, ASI के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि प्राचीन संस्मारक और पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1959 के नियम 7 (1) में कहा गया है कि केंद्र सरकार की लिखित अनुमति के बिना किसी संरक्षित स्मारक में बैठकें, स्वागत, दावत, मनोरंजन या सम्मेलन आयोजित नहीं किए जा सकते. अधिकारी ने कहा कि मार्तंड सूर्य मंदिर में पूजा के लिए अनुमति की जरूरत थी.

बताते चलें कि आठवीं शताब्दी का मार्तंड मंदिर भारत के सबसे पुराने सूर्य मंदिरों में से एक है और अमूल्य प्राचीन आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है. जानकारी के मुताबिक, रविवार को सिन्हा पूजा में शामिल हुए थे. इसमें कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों और स्थानीय निवासी शामिल हुए थे. एलजी ने इस आयोजन को एक दिव्य अनुभव बताया था.

इधर, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि मार्तंड सूर्य मंदिर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पूजा करने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है. अनंतनाग के उपायुक्त डॉ. पीयूष सिंघला ने कहा कि 1959 के प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम के नियम 7 (2) के तहत समारोह की अनुमति दी गई थी, जिसमें कहा गया है कि 'उप-नियम (1) में किसी भी बैठक, स्वागत, पार्टी, सम्मेलन या मनोरंजन पर लागू नहीं होगा.'


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