Pradesh की 797 पब्लिक लाइब्रेरियों पर लटके ताले

Update: 2024-06-24 10:13 GMT
Hamirpur. हमीरपुर. हिमाचल प्रदेश की सभी पब्लिक एंड एकेडमिक लाइबे्ररियों पर ताले लटक गए हैं, क्योंकि लाइब्रेरियों में तैनात सहायक पुस्तकालय अध्यक्षों को यूजीसी स्केल मिलने के उपरांत कॉलेजों, जिला स्तर व राज्य लाइब्रेरियों में तैनात कर दिया है। इसके चलते स्कूलों की पब्लिक लाइबेे्ररियों पर ताले लटक रहे हैं। ऐसे में लाइब्रेरियों में पड़ी किताबें दीमक इत्यादि लगने से खराब हो सकती हैं। पब्लिक लाइबे्ररियां बंद पडऩे से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे अभ्यर्थियों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं, उन्हें मजबूरन प्राइवेट लाइब्रेरियों का रुख करना पड़ रहा है। बता देें कि प्रदेश भर के करीब 800 सरकारी स्कूलों में पब्लिक लाइब्रेरियां खोली गई हैं। वर्तमान समय में तीन पब्लिक लाइब्रेरियां ही युवाओं के लिए खोली जा रही हैं। इनमें ऊना में दो और हमीरपुर में एक लाइब्रेरी में युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जबकि 797 पब्लिक लाइब्रेरियों पर ताले लटक रहे हैं। प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से लाइब्रेरियन के पद नहीं भरे गए हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (लाइब्रेरी) के 771 पद भरने का जरूर फैसला लिया है। ऐसे में ये पद भर जाते हैं, तो पब्लिक लाइब्रेरियों का लाभ प्रदेश के युवाओं को भी मिल सकेगा। प्रदेश की पब्लिक लाइब्रेरियों को हर वर्ष राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन कलकता से जो पैसा किताबों, कम्प्यूटर, फर्नीचर और अलमारियां इत्यादि खरीदने के लिए आता है,
उसका सही उपयोग नहीं हो पाएगा।
स्कूलों की पब्लिक लाइब्रेरियों में स्कूलों के आस-पास के युवा अभ्यर्थी स्कूल की छुट्टी के उपरांत शाम पांच बजे तक लाइबेे्ररी में प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें पढ़ सकते हैं। स्कूलों की पब्लिक लाइब्रेरी में तैनात करीब 160 सहायक पुस्तकालय अध्यक्षों को जनवरी, 2024 से माननीय न्यायालय के आदेशानुसार यूजीसी स्केल दे दिया गया है। ऐसे में सहायक पुस्तकालय अध्यक्षों को कालेजों की लाइब्रेरी, तहसील लाइब्रेरी, जिला लाइब्रेरी, राज्य लाइब्रेरी और केंद्रीय पब्लिक लाइब्रेरियों में नियुक्त किया गया है। ऐसे में स्कूलों की पब्लिक लाइब्रेरियां राम भरोसे ही चल रही हैं। स्कूलों में करीब 10 हजार से 15 हजार किताबें एक-एक पब्लिक लाइब्रेरी में पड़ी हैं। ऐसे में किताबों का सही रख-रखाव न होने के चलते प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें, धार्मिक व प्राचीनतम किताबें दीमक इत्यादि लगने से खराब हो जाएंगीं। हालांकि स्कूलों में लाइब्रेरियों का इंचार्ज स्कूल के दूसरे अध्यापकों को जरूर दिया गया है, लेकिन प्रदेश के निचले क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते पब्लिक लाइब्रेरियां पूरी तरह से बंद पड़ गई हैं। करीब डेढ़ माह तक स्कूल बंद रहेंगे। ऐसे में स्कूलों की लाइब्रेरियों में रखी लाखों रुपए की किताबें बरसात के मौसम में पड़ी-पड़ी ही खराब हो जाएंगी। यही नहीं, स्कूलों के आस-पास के क्षेत्रों के युवाओं को भी पब्लिक लाइब्रेरियों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही नहीं, जो जिला स्तरीय लाइब्रेरियां हैं, उनमें युवाओं की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि वहां पर युवाओं को जगह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में युवा प्राइवेट लाइब्रेरियों में पढऩे को मजबूर हैं। प्राइवेट लाइब्रेरियों में युवाओं से प्रति माह 1500 से 2000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं।
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