हिंडौन। हिंडौन के टेलिफोन एक्सचेंज चौराहे पर बीच राह पर स्थित ट्रांसफॉर्मर पिछले कई वर्षों से हादसे का मुख्य कारण बना हुआ है। शनिवार सुबह बिजली तार की करंट की चपेट में आने से एक आवारा सांड की मौत भी हो गई। मौके पर नगर परिषद के सफाई कर्मचारी जितेंद्र वाल्मिकि के साथ अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। उन्होंने करंट की चपेट में आने की सूचना नगर परिषद के लेखाकार और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के प्रभारी प्रेमराज मीणा को दी। जिसके बाद उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
बिजली विभाग द्वारा शटडाउन लेने में काफी देर होने के कारण करंट की चपेट में आए सांड की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह करीब 8:30 बजे एक आवारा पशु विचरण कर रहा था। साथ ही ट्रांसफार्मर के पास खाने पीने का कचरा का ढेर लगा हुआ था। कचरे में मुंह मारते ही सांड करंट की चपेट में आ गया। ट्रांसफार्मर के चारों और लोहे के तारों का जाल लगाकर सुरक्षा के इंतजाम होने से यह हादसा हो गयाय़ जबकि वहां चारों तरफ करंट से बचाव और सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच सीमेंटेड बॉउंड्री होनी चाहिए।
टेलीफोन चौराहा दिनभर लोगों की आवाजाही से व्यस्त बना रहता है। आधे से ज्यादा मार्ग पर ट्रांसफार्मर का हिस्सा स्थापित है। सफाई कर्मी ने बताया कि करीब 4 माह पहले सफाई कार्य के दौरान एक सफाई कर्मचारी झुलस गया था। उस वक्त कोई बड़ी घटना नहीं हो पाई। कई सामाजिक संगठनों ने इस मामले को लेकर पूर्व में ट्रांसफार्मर अन्यत्र स्थापित करने की मांग जिला प्रशासन से भी की जिस पर आदेश जारी हुए। नगर परिषद ने शिफ्टिंग की प्रक्रिया में जैन मंदिर रोड पर जमीन उपलब्ध कराई। नगर परिषद के लेखाकार प्रेमराज मीणा ने बताया कि करीब 2 साल पहले पूर्व सभापति अरविंद जैन के कार्यकाल के दौरान ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग कार्य के लिए नगर परिषद की ओर से एक बड़ी राशि जमा कराई गई। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उस जमीन पर स्टे के कारण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं हुआ। खाने-पीने की खराब सामाग्री भी यही फेंकने से आवारा पशुओं का जमावड़ा होता है।