अतीक-अशरफ की हत्या का मामला, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने NIA से कही ये बात
गिरफ्तार तीन में से एक आरोपी ने लॉरेंस बिश्नोई को अपना रोल मॉडल बताया था।
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) को बताया है कि प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ अहमद की हत्या से उसका कोई संबंध नहीं है। इससे पहले गैंगस्टर से राजनेता बने भाई अतीक और अशरफ की हत्या में गिरफ्तार तीन में से एक आरोपी ने बिश्नोई को अपना रोल मॉडल बताया था।
एनआईए के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने हत्याकांड के तीनों आरोपियों के पास से बरामद हथियारों के बारे में बिश्नोई से पूछताछ की थी।
उन्होंने कहा, हत्यारों ने अतीक और अशरफ को मारने के लिए तुर्की में बनी जिगना पिस्तौल का इस्तेमाल किया था। यह वही हथियार है जिससे पंजाबी गायक सिद्धू सिंह मूसेवाला की हत्या की गई थी। इसलिए हमने उससे (बिश्नोई से) पूछताछ की। अब तक वह अतीक-अशरफ हत्याकांड के पीछे हाथ होने से इनकार कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि गैंगस्टर सुंदर भाटी का भी बिश्नोई से संबंध है। एजेंसी इस पहलू की भी जांच कर रही है।
एनआईए ने पिछले साल तीन अलग-अलग प्राथमिकी (एफआईआर नंबर 37, 38 और 39) दर्ज की थी।
एफआईआर नंबर 37 में विदेशों में बसे खालिस्तानी समर्थकों का उल्लेख है जो देश में अशांति फैलाने के लिए भारत के खिलाफ युद्ध की साजिश कर रहे हैं।
एफआईआर नंबर 38 बंबईया गैंग के खिलाफ दर्ज किया गया था जिसमें नीरज बवाना, कौशल चौधरी और अन्य को आरोपी बनाया गया था।
एफआईआर नंबर 39 में बिश्नोई, काला जाथेडी, काला राणा और उनके साथियों के नाम थे।
बिश्नोई को पिछले सप्ताह एफआईआर 37 के सिलसिले में एक एनआईए अदालत में पेश किया गया था।
इस मामले में एनआईए ने दीपक नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जो बिश्नोई के संपर्क में था।
एनआईए सूत्रों के अनुसार, गैंगस्टरों ने पूरे देश में नेटवर्क बनाकर अपने अपराध का साम्राज्य चलाने के लिए दो 'महागठबंधन' बना लिए हैं।
'महागठबंधन' के ग्रुप ए में नीरज बवाना है। सूत्रों ने बताया, नीरज बवाना के महागठबंधन में सौरभ उर्फ गौरव, सुवेघ सिंह उर्फ सिब्बू, शुभम् बालियान, राकेश उर्फ राका, इरफान उर्फ छूने, रवि गंगवाल और रोहित चौधरी तथा दविंदर बम्बिहा गैंग शामिल हैं।
ग्रुप बी यानी बिश्नोई के 'महागठबंधन' में संदीप उर्फ काला जातेडी, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, रोहित मोई, दीपक बॉक्सरर, प्रिंस तेवतिया, राजेश बवानिया और अशोक प्रधान शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि ये गैंगस्टर दिल्ली, हरियाणा पंजाब और राजस्थान में सक्रिय हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस से डरते हैं और वहां किसी प्रकार का अपराध नहीं करना चाहते।