आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग, ISRO ने शुरू की लाइव स्ट्रीमिंग

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Update: 2023-09-02 05:49 GMT
ISRO Aditya L1 Mission: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक बार फिर इतिहास रचने की दहलीज पर है. अब देश के साथ-साथ विश्व देश की निगाहें ISRO के सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 पर टिकी हैं. इसका काउंटडाउन भी शुरू हो गया है. मिशन आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया जाएगा. लॉन्चिंग के ठीक 127 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंचेगा. इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा. 
देशभर में सूर्य मिशन Aditya-L1 को लेकर लोगों में उत्साह है. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब Aditya-L1 सूर्ययान की सफलता के लिए कांदिवली के मिथिला हनुमान मंदिर में हवन किया जा रहा है. वाराणसी में भी मिशन की सफलता की कामना के लिए हवन किया जा रहा है. ऐसी ही नजारा उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है, जहां सूर्य मिशन की सफलता के लिए पूजा-पाठ और विशेष पूजा की जा रही है.
खगोल वैज्ञानिक सोमक रायचौधरी ने कहा कि सूर्य मिशन Aditya-L1 की क्षमता विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा चमत्कार करने की है. लेकिन सूर्य से निकलने वाले कणों से पृथ्वी पर संचार को नियंत्रित करने वाले सैटेलाइट्स प्रभावित हो सकते हैं.
ISRO के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने कहा कि इसरो और भारत के लिए यह बहुत बड़ा कदम है. देश की नई अंतरिक्ष नीति के साथ यह स्पष्ट है कि इसरो स्पेस इकोनॉमी में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा. इसलिए इसरो ने स्पष्ट रूप से इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है.
16 दिनों तक आदित्य-L1 धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इस दौरान पांच ऑर्बिट मैन्यूवर होंगे, ताकि सही गति मिल सके. इसके बाद आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन (Trans-Lagrangian 1 Insertion - TLI) होगा. फिर यहां से उसकी 109 दिन की यात्रा शुरू होगी. जैसे ही आदित्य-L1 पर पहुंचेगा, वह वहां पर एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा. ताकि L1 प्वाइंट के चारों तरफ चक्कर लगा सके.
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