नई दिल्ली। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के बाद इसरो के मून मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद की तस्वीरें भेजी हैं। यह फोटोज लैंडर विक्रम ने उस समय खीचीं जब वह बुधवार शाम को चांद की सतह पर धीरे-धीरे उतर रहा था। मालूम हो कि भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। वहीं, चांद पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश है। इससे पहले, अमेरिका, चीन और सोवियत संघ को यह उपलब्धि हासिल हो चुकी है।
इसरो के चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने बुधवार शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर सफल लैंडिंग की। इस दौरान देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों की नजरें टीवी स्क्रीन पर लगी रहीं। इसरो ने उन तस्वीरों को शेयर किया है, जोकि चंद्रयान-3 ने लैंडिंग करने के बाद भेजी हैं। इसरो ने ट्वीट किया, ''चंद्रयान-3 मिशन अपडेट, Ch-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच कम्युनिकेशन लिंक स्थापित किया गया है। नीचे उतरते समय ली गईं लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे की तस्वीरें यहां शेयर की जा रही हैं।'' ये कुल चार तस्वीरें हैं, जिन्हें इसरो ने शेयर किया है।
पिछली बार चंद्रयान-2 के आखिरी समय में सफलता नहीं मिल सकी थी। तब चंद्रयान-2 के लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। इसी वजह से इसरो के वैज्ञानिकों ने इस बार चंद्रयान-3 में कई अहम बदलाव किए थे। आखिरी के 17 मिनट काफी अहम माने जा रहे थे, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चलीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ''जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है।''
पीएम मोदी ने कहा, ''यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नयी ऊर्जा, नए विश्वास, नयी चेतना का है।'' इस बीच, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ''हमने चंद्रमा पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' में सफलता हसिल कर ली है। भारत चांद पर है।'' यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक, बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था।