गुना। मध्य प्रदेश के गुना जिले की आरोन तहसील स्थित सुनगयाई ग्राम पंचायत इन दिनों चर्चाओं में है. इसके पीछे की वजह यह है कि पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए जो महिला उम्मीदवार निर्विरोध चुनी गई है, वह चंबल के बडे़ डकैत रह चुके मलखान सिंह की पत्नी है. पूर्व दस्यु सम्राट मलखान सिंह की पत्नी ललिता सिंह ग्राम पंचायत सुनगयाई से सरपंच पद की उम्मीदवार थीं. इसी ग्राम पंचायत से उनके पति पूर्व दस्यु सम्राट मलखान सिंह ने भी पर्चा दाखिल किया था, लेकिन मलखान सिंह और ग्रामीणों ने मिलकर फैसला लिया कि सुनगयाई ग्राम पंचायत को महिलाओं के प्रति समर्पित करना चाहिए, जिसके चलते इस पंचायत में पंच भी महिलाएं ही चुनी गईं.
इस पंचायत के 12 वार्ड में सभी महिलाएं ही उम्मीदवार हैं जो निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं. आरक्षण प्रक्रिया के बाद ही पंचायत के लोगों ने फैसला लिया कि सुनगयाई पंचायत को पूरी तरह से महिलाओं के लिए आरक्षित रखा जाए. पूर्व दस्यु मलखान सिंह ने अपना नामांकन इसलिए दाखिल किया कि अगर किसी वजह से उनकी पत्नी का पर्चा खारिज हो जाए तो वे दावेदार बने रहें, लेकिन मंगलवार को नामांकन की जांच के बाद दोनों ही सही पाए गए. इसके बाद बुधवार को मलखान सिंह ने अपना पर्चा वापस ले लिया.
इस बारे में बात करते हुए मलखान सिंह ने बताया, 'आरोन तहसील के सुनगयाई गांव में 80 के दशक में आत्मसमर्पण के बाद सरकार ने खेती करने के लिए जमीन दी थी. 30 साल पहले खुद भी इसी पंचायत से सरपंच बना. सुनगयाई गांव का विकास हमेशा से मेरी प्राथमिकता है. भविष्य में भी विधानसभा क्षेत्र से ज्यादा विकास उनकी पंचायत में देखने को मिलेगा. प्रदेश सरकार की नीति है कि यदि किसी पंचायत में निर्विरोध चुनाव संपन्न होता है, तो उस पंचायत को 15 लाख रुपये की राशि बतौर इनाम में दी जाएगी. ग्राम पंचायत सुनगयाई में सरपंच और पंच सभी पद महिलाओं के खाते में हैं, इसलिए यहां भी 15 लाख रुपये की धनराशि मिलेगी.
बता दें कि प्रदेश में 30 मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 10 जून है. पहले चरण का मतदान 25 जून, दूसरे चरण का एक जुलाई और आखिरी व तीसरे का मतदान 8 जुलाई को होगा. पंच से लेकर जिला पंचायत सदस्यों के पदों के लिए 8 जुलाई, 11 जुलाई, 14 जुलाई और 15 जुलाई को मतगणना होगी. बता दें कि सूबे के कुल 52 जिलों में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 875, जनपद पंचायत सदस्यों की संख्या 6 हजार 771 है. वहीं, सरपंच 22 हजार 921 और पंच 3 लाख 63 हजार 726 हैं.
जानकारी के अनुसार गुना जिले की आरोन इलाके की सिनगयाई पंचायत में पूर्व बागी मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत ने सरपंच पद के लिए नामांकन भरा था, लेकिन गांव वालों ने एकजुट होकर मलखान सिंह की पत्नी को निर्विरोध सरपंच चुन लिया है। ललिता राजपूत ने बताया कि पिछले 20 साल से गांव में विकास नहीं हो पाया है, सड़क से लेकर पानी तक कोई व्यवस्था नहीं है। अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं गांव को एक बेहतर आदर्श गांव के रूप में विकसित करूंगी।
बता दें गुना जिले की आरोन इलाके की सिनगयाई ग्राम पंचायत एक ऐसी पंचायत है, जिसमें अभी तक सरपंच और सभी पंच महिलाएं हैं। मलखान सिंह ने कहा गांव में शुरू से ही बिजली, सड़क और पानी की समस्या है, लेकिन अब ग्रामीणों की भरोसे पर गांव में विकास कराया जाएगा। इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि गांव में किसी भी कीमत पर कोई भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे और इसके साथ ही गांव में किसी तरह का कोई झगड़ा और आपसी रंजिश नहीं होने देंगे।
गौरतलब है कि चंबल के बीहड़ में 80 के दशक में डाकू मलखान सिंह का बोलबाला था। 80 के दशक में लगभग एक लाख के इनामी मलखान सिंह पर एक सैकड़ा से अधिक हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण, लूट के मामले दर्ज हुए। 1982 में मलखान सिंह और उनकी गैंग ने आत्मसमर्पण कर दिया। मलखान सिंह 6 साल तक जेल में रहे और 1989 में सभी मामलों में बरी करके रिहा कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद मलखान सिंह राजनीति में सक्रिय हो गए और वे लगातार सरकार के खिलाफ और नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं।