नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग वाली याचिका पर 30 मार्च यानी कल सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यूपी सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत दे दी थी. इससे असंतुष्ट होकर पीड़ित परिवारों के लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया था. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार सभी गवाहों को सुरक्षा दे. CJI ने यूपी सरकार के वकील से पूछा था कि गवाह पर हमले का क्या मामला है? आप गवाह संबंधी सारी जानकारी हलफनामे में दीजिए.
पीड़ितों की ओर से दुष्यंत दवे ने कहा था कि हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देते समय नियमों की अनदेखी की है. आदेश में कहा गया था कि किसी को गोली नहीं लगी. जबकि तथ्य इससे बिल्कुल उलट हैं. ट्रायल कोर्ट का जमानत ना देने का आदेश बिल्कुल सही था. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को भी नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों ना उसकी जमानत रद्द कर दी जाए?
इस हाई प्रोफाइल मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाते हुए सोच-समझकर हत्या, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं के साथ ही आर्म्स ऐक्ट की धाराओं में केस दर्ज हुआ था.
पिछले साल 3 अक्टूबर को आशीष मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी थी. इस हादसे में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई थी. इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं.