लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को अंकित दास को 15 दिनों की मेडिकल पैरोल की अनुमति दी, जो 3 अक्टूबर 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक आरोपी है। अंकित दास लखीमपुर खीरी जेल में बंद है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के बेटे मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत मामले के सभी आरोपियों की जमानत याचिका हाई कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले में तिकुनिया हिंसा में चार किसानों, एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं सहित आठ लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे।
अंकित दास केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के दोस्त हैं, जो पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई हिंसा से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी हैं। दास द्वारा दायर जमानत अर्जी के अनुसार, वह पल्मोनरी फाइब्रोसिस, फैटी लीवर और मधुमेह से पीड़ित है। उसकी हालत बहुत गंभीर है और उसे तत्काल चिकित्सा की जरूरत है जो जेल या जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, न्यायमूर्ति डी के सिंह ने दास को 15 दिनों की जमानत दी और उसके बाद उन्हें तत्काल आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 20 सितंबर तय की और कहा कि अगर दास ने निर्देश के मुताबिक आत्मसमर्पण नहीं किया तो उनकी जमानत रद्द हो जाएगी। उच्च न्यायालय ने नौ मई 2022 को दास की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इस बीच, लखीमपुर खीरी में हुई मौतों और हिंसा की जांच कर रही यूपी पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) तीन अक्टूबर की घटना के संबंध में दर्ज दो प्राथमिकी पर जांच में जुटी है। बता दें कि पत्रकार को कथित तौर पर एसयूवी के एक काफिले ने कुचल दिया था, जिसमें अजय मिश्रा के स्वामित्व वाली महिंद्रा थार भी शामिल थी।