लेडी टीचर का कारनामा, स्टूडेंट से जबरन कर ली शादी, फिर हुआ ये तमाशा
शादी रचाने का अजब मामला सामने आया है.
जालंधर से स्कूल की एक लेडी टीचर के अपने 13 साल के स्टूडेंट के साथ जबरन शादी रचाने का अजब मामला सामने आया है. शहर के बस्ती बावा खेल इलाके में हुई इस घटना को लेकर बताया जा रहा है कि स्कूल टीचर की शादी में देर हो रही थी, इसलिए उसने अंधविश्वास के चलते ऐसा किया. टीचर को लगता था कि ऐसा करने से उसका मांगलिक दोष दूर हो जाएगा. नाबालिग स्टूडेंट के घरवालों की ओर से पुलिस में टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई.
शिकायत के मुताबिक, टीचर ने स्टूडेंट को ट्यूशन का लालच देकर 6 दिन तक अपने घर में रोके रखा और शादी रचाई. हालांकि यह शादी सिर्फ प्रतीकात्मक थी. स्टूडेंट के घरवाले आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं. टीचर ने स्टूडेंट की पढ़ाई पर मेहनत के लिए उसे कुछ दिन अपने घर पर छोड़ने के लिए कहा. स्टूडेंट के घरवाले इसके लिए तैयार हो गए.
पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा गया कि स्टूडेंट को 6 दिन तक जबरन घर में रोके रखकर शादी की सभी रस्में पूरी की गईं. बाकायदा हल्दी-मेहंदी रचाई गई और सुहागरात का नाटक भी रचा गया, उसके बाद पंडित के कहने पर चूड़ियां तोड़कर विधवा बनने का ढोंग भी रचा गया. यही नहीं उसके बाद बाकायदा एक शोक सभा भी आयोजित की गई.
शादी की रस्में पूरी होने के बाद स्टूडेंट को घर भेज दिया गया. बच्चे के घरवालों का आरोप है कि उससे टीचर और उसके परिवार वालों ने घर का काम भी करवाया. स्टूडेंट ने घर लौटने के बाद परिवार वालों को आपबीती सुनाई.
ये सब जानने के बाद घरवाले भड़क गए और उन्होंने बस्ती बावा खेल पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि आरोपी टीचर और उसे सलाह देने वाले पंडित थाने पहुंच गए और मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की. स्टूडेंट के घरवालों ने शिकायत वापस भी ले ली. लेकिन जब इस केस की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक पहुंची तो आनन-फानन में जांच के आदेश दिए गए.
जालंधर के डीएसपी गुरमीत सिंह ने माना कि इस तरह की शादी हुई है और मामला पुलिस विभाग के संज्ञान में है. उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करवा रहे हैं क्योंकि घरवालों की सहमति के बिना बच्चे को गलत तरीके से घर में रोके रखना अपराध है, शादी भले ही प्रतीकात्मक हो लेकिन नाबालिग के साथ विवाह रचाना गैर कानूनी है.
वहीं, आरोपी टीचर और उसके घरवालों ने पुलिसकर्मियों को बताया है कि काफी अरसे से युवती का विवाह नहीं हो रहा था. जब इस सिलसिले में पंडित से बात की गई तो उसने बताया कि मांगलिक दोष है जिसके चलते शादी नहीं हो रही है, इसलिए एक प्रतीकात्मक शादी करके इस दोष को दूर करना होगा. टीचर और उसका परिवार इस पंडित की सलाह मानकर मुसीबत में फंस गया.