कुमार विश्वास का बयान बेतुका :संजय सिंह

Update: 2022-03-27 01:55 GMT

राजस्थान। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जयपुर में कुमार विश्वास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने एक बेतुका बयान दिया कि केजरीवाल ने दावा किया है कि वह खालिस्तान के प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि मुझे किसी का फोन आया जिसने मुझसे पूछा कि कोई इस बात पर सवाल क्यों नहीं उठा रहा है कि वह (अरविंद केजरीवाल) खालिस्तान का नेतृत्व कर सकते हैं? क्या वास्तव में खालिस्तान का गठन अग्रवाल समुदाय से आने वाले व्यक्ति के नेतृत्व में हो सकता है? कोई ऐसा कैसे कह सकता है? क्या अग्रवाल समुदाय का कोई व्यक्ति खालिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है?'

पंजाब में आप की प्रचंड जीत के बाद कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंन कहा था कि वो आदमी कुछ भी कर सकता है. केजरीवाल पंजाब के सीएम या स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के पहले प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. भगवंत मान(आम आदमी पार्टी के सीएम फेस) तो सिर्फ मोहरा हैं. एक दावा के बाद पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जांच की मांग तक कर ली थी.

संजय सिंह ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर थियेटर और ड्रामा में मग्न है. उन्होंने द कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री करने को लेकर दिए गए केजरीवाल के सुझाव का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि उनके सुझाव में कुछ भी गलत नहीं है कि फिल्म को YouTube पर डाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि निर्माता पहले ही फिल्म से 200 करोड़ से अधिक कमा चुके हैं. वह और क्या चाहते हैं?

संजय सिंह ने कहा कि अगर भाजपा सरकार वास्तव में मानती है कि यह फिल्म सभी को देखनी चाहिए, तो इसे YouTube पर डाल देना चाहिए ताकि लोग फ्री में इसे देख सकें. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार कोरोना महामारी के दौरान दूरदर्शन पर रामायण दिखाती थी. इस फिल्म को भी दूरदर्शन हफ्ते भर में तीन बार दिखाए, ताकि पूरा देश इस फिल्म को फ्री में देख सके.

संजय सिंह ने कहा, "गैर-मुद्दे पर हंगामा क्यों? भाजपा भावनाओं को भुनाने के लिए ड्रामा कर रही है. क्या आपको सच में लगता है कि ये भाजपा वाले कश्मीरी पंडितों की चिंता करते हैं? जगमोहन उस समय कश्मीर में राज्यपाल थे. वह भाजपा के आदमी हैं, जो वाजपेयी सरकार में मंत्री बनने की चाहत में वहां चले गए. इन लोगों ने तब कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या आपको लगता है कि वे वास्तव में कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा से चिंतित हैं?


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