जानिए आज से 12 साल पहले मुंबई में आतंकी हमले पर NSG टीम ने दिखाया था अपने जांबाजी का परिचय

जब कभी भी आवश्यकता पड़ी है एनएसजी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है

Update: 2020-11-26 08:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आज से 12 साल पहले हुए आतंकी हमले के दौरान एनएसजी की टीम ने जबर्दस्त जांबाजी का परिचय दिया था। टीम के कमांडर मेजर उन्नीकृ़ष्णन के शहीद होने के बाद भी जांबाजों का हौसला एक पल के लिए भी कम नहीं हुआ था बल्कि बाद में कैप्टन अनिल जाखड़ के नेतृत्व में टीम ने वीरता का अद्भभूत परिचय दिया था।

आपरेशन के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की टीम मानेसर स्थित ट्रेनिंग सेंटर से मुंबई पहुंची थी। उसके लिए स्पेशल एयरक्राफ्ट की व्यवस्था की गई थी। मुंबई पहुंचने के बाद बिना एक पल की देरी किए ही आपरेशन शुरू कर दिया था। पाकिस्तान से पहुंचे लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई को बम धमकों व गोलीबारी से दहला दिया था।

आतंकी हमले के खिलाफ आपरेशन चलाने की जिम्मेदारी एनएसजी को सौंपी गई थी। लगभग 60 घंटे तक आपरेशन चला था। 9 आतंकवादियों को मार गिराया गया था जबकि एक आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। आतंकवादियों ने मुंबई में शिवाजी टर्मिनल के साथ ही होटल ताज, ओबेराय ट्राइडेंट एवं नरीमन हाउस सहित कई जगहों को निशाना बनाया था। हमले में न केवल 166 लोग मारे गए थे बल्कि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। मारे गए लोगों में 26 विदेशी नागरिक भी थे।

खाना बीच में छोड़कर निकल गए थे जाखड़

जिस समय आपरेशन के लिए एनएसजी को जिम्मेदारी दिए जाने की सूचना मानेसर ट्रेनिंग में पहुंची थी उस समय कैप्टन अनिल जाखड़ पालम विहार इलाके में अपने घर पर थे। मानेसर ट्रेनिंग सेंटर में पोस्टिंग के दौरान वह समय-समय पर माता-पिता से मिलने पहुंच जाते थे। जिस समय उन्हें मुंबई जाने के लिए सूचना मिली थी उस समय वह खाना खा रहे थे। सूचना मिलते ही वह खाने पर से उठ गए थे। माता-पिता को यह कहते हुए कुछ ही मिनट में घर से निकल गए थे कि देश के बहुत बड़ा करने का समय आ गया है।


कैप्टन अनिल जाखड़ के पिता मेजर (रिटा.) आइएस जाखड़ कहते हैं कि भले ही हमले के 12 साल हो गए लेकिन आतंक का मंजर आज भी आंखों के सामने दिख रहा है। आतंकवादियों ने मुंबई पर नहीं बल्कि देश की आबरू पर हमला किया था। जब आपरेशन चल रहा था उस समय एक पल के लिए मन में यह बात नहीं थी कि उनका बेटा ही नेतृत्व कर रहा है। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा देश आतंक के खिलाफ लड़ रहा है। इस तरह का आतंकी हमला पूरी दुनिया में इससे पहले कभी नहीं हुआ था। देश ने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया कि फिर ऐसी दुस्साहस करने की हिम्मत नहीं हुई।


जब कभी भी आवश्यकता पड़ी है एनएसजी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मुंबई आपरेशन हो या फिर कोई अन्य, हर बार एनएसजी ने जांबाजी का परिचय दिया है। इसकी मजबूती पर लगातार जोर दिया जा रहा है। यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस है। किसी भी स्थिति का बेहतर तरीके से सामना करने में सक्षम है।

---- एसएस देसवाल, महानिदेशक (डीजी), एनएसजी 

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