लड़कियों के वाॅशरूम में कैमरा मामले में खुशबू सुंदर ने कहा, पुलिस ने कानून के मुताबिक किया काम
उडुपी: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की सदस्य खुशबू सुंदर ने गुरुवार को कहा कि मुस्लिम लड़कियों द्वारा उडुपी में नेत्र ज्योति पैरा-मेडिकल कॉलेज में वॉशरूम का उपयोग करते समय एक हिंदू लड़की की वीडियो रिकॉर्डिंग के मामले में कर्नाटक पुलिस ने कानून के अनुसार कार्रवाई की।
उडुपी जिले के पुलिस अधीक्षक हाके अक्षय मच्छिन्द्र के साथ बैठक करने के बाद मीडिया से बात करते हुए खुशबू ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "मुझे पुलिस से जानकारी मिली है। जांच अभी खत्म नहीं हुई है और इसमें काफी समय लगेगा।"
उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक दिन में तय नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने कानून के मुताबिक कार्रवाई की है। कॉलेज प्रबंधन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और वीडियो डिलीट करने की जानकारी पुलिस को दी थी। पुलिस ने तब शिकायत दर्ज की थी।"
"जो लोग इस मुद्दे पर बात करते हैं, उन्हें कानून को समझना चाहिए और अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए। लड़कियों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है। वे लड़कियां हमारे परिवार की हैं। मुद्दे का समाधान महत्वपूर्ण है। मैं यहां धार्मिक या राजनीतिक कारणों से नहीं हूं।" खुशबू ने कहा, "माता-पिता के रूप में इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।"
खुशबू ने कहा, "राजनीतिक नेताओं और राजनीतिक दलों को इस प्रकरण का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करना चाहिए। छात्र देश की संपत्ति और भविष्य हैं। उनकी रक्षा की जानी चाहिए और हम सभी को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। मैं यहां किसी को दोष देने नहीं आई हूं। मैं यहां राजनीतिज्ञ नहीं, एनसीडब्ल्यू के सदस्य के रूप में हूं।''
उन्होंने कहा कि वह पीड़ित और आरोपी लड़कियों से मिलेंगी और जानकारी लेंगी कि वीडियो रिकॉर्डिंग क्यों की गई, क्या यह किसी अन्य व्यक्ति के निर्देश पर किया गया था या यह कोई शरारत थी? उन्होंने कहा, "वर्तमान में, सोशल मीडिया के कारण, हर कोई जज और जांच अधिकारी बनने की कोशिश कर रहा है। किसी को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए।"
खुशबू बुधवार को उडुपी पहुंची थीं, उनकी यात्रा सांप्रदायिक और राजनीतिक मोड़ ले लिया था। भाजपा ने वॉशरूम में हिंदू लड़कियों का वीडियो बनाने वाली तीन मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर गुरुवार को राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। बीजेपी के नेताओं ने दावा किया था कि यह हिंदू लड़कियों के खिलाफ एक संगठित अपराध है। उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश कर तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए कांग्रेस सरकार पर हमला बोला।
कर्नाटक पुलिस पर इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाने पर महिला कार्यकर्ता रश्मि सामंत को परेशान करने का भी आरोप है। पैरा-मेडिकल कॉलेज का कहना था कि पीड़िता मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की इच्छुक नहीं है। पुलिस का कहना था कि सबूतों की कमी के कारण वे इस मामले को नहीं उठा सकते। हालांकि, घटनाक्रम के राष्ट्रीय खबर बनने पर दबाव में आने के बाद पुलिस ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था और जांच शुरू की थी।