करौली हिंसा: PFI की चिट्ठी से उठे सवाल, घटनास्थल पर करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात

Update: 2022-04-04 06:44 GMT

नई दिल्ली: राजस्थान के करौली जिले में कर्फ्यू लगातार जारी है. शनिवार को फूटा कोट क्षेत्र मेन बाजार करौली में जुलूस के दौरान हुए पथराव के बाद पुलिस ने अब तक 46 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात लोगों को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है. उपद्रव में इन घटनाओं में 35 लोग घायल हो गए थे. अब करौली की इस घटना के तार पीएफआई से जुड़ते नजर आ रहे हैं. राजस्थान में करौली की घटना से 2 दिन पहले पीएफआई ने लेटर जारी किया था.

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने बताया कि 2 से 4 अप्रैल तक प्रदेश के विभिन्न जिलों तहसीलों व कस्बों में आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों की ओर से हिंदू नव वर्ष के मौके पर भगवा रैली आयोजित की जा रही है. रैलियों में धार्मिक उन्माद फैलाने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की बात कही थी. उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री व प्रदेश के पुलिस निदेशक को पत्र लिखकर अवगत कराया गया था. पीएफआई राजस्थान में लगातार सक्रिय हो रहा है. कुछ दिन पहले कोटा में भी पीएफआई ने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था.
करौली शहर में शनिवार को यह घटना उस वक्त हुई जब हिन्दू संगठनों की नवसंवत्सर पर आयोजित एक बाइक रैली मुस्लिम बहुल इलाके से गुजर रही थी, तभी कुछ शरारती तत्वों ने पथराव किया. इसके बाद हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने कुछ दुकानों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. घटना में कई दुकानें, वाहन और अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गए. करौली में रविवार को भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं.
पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर हिंसा के वीडियो वायरल हुए हैं, जिनकी जांच जयपुर में की जा रही है. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर समीक्षा बैठक की औरॉ जरूरी दिशा निर्देश दिए.
करौली के जिलाधिकारी राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया था कि स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए लगभग 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये 50 पुलिस उपाधीक्षक एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पांच से अधिक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) रैंक के अधिकारी भी मुख्यालय पर आए हुए हैं.


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