25 लाख की लागत से निखरेगा कालीस्थान तालाब

Update: 2024-04-29 12:08 GMT
नाहन। तालाबों के ऐतिहासिक शहर नाहन में तालाबों की दुर्दशा के अब दिन बहुरेंगे। लंबे समय से नाहन शहर में तालाबों की दुर्दशा को लेकर पर्यावरण, नेचर व सामाजिक संगठनों के बीच नाहन के तालाबों को लेकर लगातार मांग की जा रही थी। वहीं अब नगर परिषद नाहन ने पहले चरण में नाहन के ऐतिहासिक कालीस्थान तालाब के जीर्णोंद्वार, सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। नगर परिषद नाहन ने शहरी विकास विभाग को भेजे गए तालाबों के सौंदर्यीकरण के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है। वहीं अब लगभग 25 लाख की लागत से कालीस्थान तालाब को स्वच्छ कर सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इस दौरान कालीस्थान तालाब की गाद को निकाला जाएगा। वहीं तालाब की रिटेनिंग वॉल को तैयार किया जाएगा, जबकि तालाब के चारों ओर बैंच स्थापित किए जाएंगे। वहीं कालीस्थान तालाब के ध्वस्त हो गए घाट का भी जीर्णोंद्वार किया जाएगा। वहीं टूटे डंगे की मरम्मत कार्य होंगे। गौर हो कि ऐतिहासिक शहर नाहन की पहचान तालाबों की शहर के तौर पर भी है। रियासत के राजा महाराजाओं ने सिरमौर रियासत की राजधानी को तालाबों के शहर के तौर पर स्थापित किया। यही वजह रही है कि नाहन का मौसम सभी ऋतुओं में खुशनुमा बना रहता है। वहीं शहर के तालाब रिजार्ज सिस्टम को मेनटेन करते हैं।
उधर, नगर परिषद नाहन के कनिष्ठ अभियंता ललित गोयल ने बताया कि नाहन के ऐतिहासिक कालीस्थान तालाब के जीर्णोंद्वार व ब्यूटीफिकेशन के लिए शहरी विकास विभाग से 25 लाख की राशि स्वीकृत होने के बाद अब सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू किया गया है। वहीं तालाब की सबसे बड़ी समस्या गाद को भी निकाला जाएगा। बता दें कि नाहन शहर में कालीस्थान तालाब के अलावा पक्का तालाब, रानीताल तालाब ही अब अस्तित्त्व में बचे हैं, जबकि कच्चा तालाब नाहन का अरसे से अस्तित्त्व खत्म हो चुका था। वहीं अब यहां पर अंतरराज्यीय बस अड्डा है, जबकि रामकुंडी तालाब अभी भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है, मगर अब पहल से उम्मीद है कि तालाबों के दिन बहुरेंगे।
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