भाई-बहन के लिए अंगीठी बनी काल! धुंए ने 2 जिंदगियां निगली

लखीमपुर खीरी: बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है। लखीमपुर खीरी में इस चूक की सजा एक पूरे परिवार को भुगतनी पड़ी है। दम घुटने से सगे भाई-बहन की मौत हो गई जबकि दंपती की हालत गंभीर है। उन्‍हें आनन-फानन में अस्‍पताल पहुंचाया गया है। डॉक्‍टर उनकी हालत पर …

Update: 2024-01-09 01:59 GMT

लखीमपुर खीरी: बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है। लखीमपुर खीरी में इस चूक की सजा एक पूरे परिवार को भुगतनी पड़ी है। दम घुटने से सगे भाई-बहन की मौत हो गई जबकि दंपती की हालत गंभीर है। उन्‍हें आनन-फानन में अस्‍पताल पहुंचाया गया है। डॉक्‍टर उनकी हालत पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं। घटना लखीमपुर खीरी के मैलानी कस्बे के वार्ड नंबर 12 में हुई।

मैलानी थाने के एसओ पंकज त्रिपाठी ने बताया कि यहां के रहने वाले रमेश विश्वकर्मा (उम्र 40 वर्ष) अपनी पत्नी रेनू (उम्र 38 वर्ष) और दो बच्चों बेटी अंशिका (उम्र 8 वर्ष) और बेटे कृष्णा (उम्र 7 वर्ष) के साथ कमरे में सो रहे थे। सर्दी से बचाव के लिए कमरे में कोयले की अंगीठी जल रही थी। लेकिन कमरे से हवा निकलने की कोई जगह नहीं थी। परिवार अंगीठी जलती छोड़ रात में सो गया। इस चूक के चलते दम घुटने से दोनों बच्‍चों की मौत हो गई। जबकि दंपती को बेहोशी की हालत में कमरे से निकाला गया। रमेश अपने भाई के साथ संयुक्त परिवार में रहता हैं। एसओ पंकज त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार की सुबह जब काफी देर हो जाने पर भी उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो रमेश की भाभी उमा देवी ने लोगों को इसके बारे में बताया।

लोग जमा हुए और किसी तरह दरवाजा खोला गया तो अंदर दंपती और उनके दोनों बच्चे बेहोशी की हालत में पाए गए। सभी को लेकर परिवार वाले डॉक्टर के यहां गए, जहां अंशिका और कृष्णा को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जबकि रमेश और उसकी पत्नी को मैलानी सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

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