जज की मौत: हादसा नहीं मर्डर, वीडियो में देखे अब तक का इनसाइड स्टोरी

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Update: 2021-07-30 01:20 GMT

झारखंड के धनबाद में एक जज की मौत ने पूरे पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया है. क्योंकि इस की मौत की वजह आम नहीं लगती. इस मौत के पीछे किसी गहरी साजिश की बू आ रही थी. इसी के चलते इस मामले में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी गई है. बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद सुबह की सैर पर निकले थे. तभी शहर के रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटो ने उन्हें पीछे से बुरी तरह टक्कर मारी और मौके से भाग निकला. आइए आपको बताते हैं इस मामले में शुरू से अब तक क्या-क्या हुआ?


शहर की सड़के लगभग पूरी तरह से खाली थीं. एक सड़क के किनारे एकदम बाईं ओर एक शख्स टहल रहा था. तभी उस शख्स के पीछे से एक ऑटो आता है और सड़क पर सीधे न जाकर हल्का सा बायें मुड़ता है और किनारे चल रहे उस शख्स को तेज रफ्तार से टक्कर मार कर भाग निकलता है. हैरानी की बात ये है कि टक्कर मारने के बाद वो ऑटो रुका नहीं, बल्कि खाली सड़क पर उसकी रफ्तार तेज हो गई और कुछ ही मिनटों में वो गायब हो गया.
इलाज के दौरान मौत
ये वारदात झारखंड के औद्योगिक शहर धनबाद की है. और जिस शख्स को ऑटो ने टक्कर मारी थी, वो कोई आम इंसान नहीं बल्कि एक जज थे. धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद. कुछ देर बाद लोगों ने उन्हें सड़क के किनारे पर पड़े देखा तो उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वो हजारीबाग के रहने वाले थे. उनके पिता और भाई हजारीबाग कोर्ट में वकील हैं. उनके दो साले आईएएस अधिकारी हैं.
अधिकारी मौके पर पहुंचे
जज उत्तम आनंद की मौत की खबर पूरे जिले में आग की तरह फैल गई. मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडे, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अर्जुन साव समेत जिला के तमाम न्यायिक पदाधिकारी और मृतक जज के परिजन अस्पताल जा पहुंचे. घटना की सूचना मिलने के बाद धनबाद के एसएसपी, एसपी समेत जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरु कर दी.
ऑटो की तलाश में जुटी पुलिस
पहली नजर में यह मामला सड़क दुर्घटना का ही लग रहा था. सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को टक्कर मारने वाले वाहन को लेकर भी तस्वीर साफ नहीं थी. पहले उसे जीप समझा जा रहा था. लेकिन बाद में पता चला कि टक्कर ऑटो ने मारी थी. लेकिन वो किसका ऑटो था? उसे कौन चला रहा था? उसमें कितने लोग सवार थे? ये तब तक पता नहीं चला था. पुलिस ऑटो की जानकारी जुटाने में लगी थी.
गनर ने की शव की पहचान
जज उत्तम आनंद थोड़ी ही देर में मॉर्निंग वॉक से वापस आ जाते थे. बुधवार को सुबह सात बजे तक जब वह वापस नहीं लौटे तो उनके परिजनों को चिंता हुई. इसके बाद परिजनों ने मामले की सूचना सदर थाना को दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई और उनकी तलाश शुरू की गई. सदर थाने की पुलिस को अस्पताल में एक लावारिस शव की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस अस्पताल पहुंची. जज के बॉडीगार्ड ने उनके शव की पहचान की. उत्तम आनंद के सिर पर गहरे जख्म हैं, साथ ही कान से खून बह रहा था.
सीसीटीवी फुटेज ने किया साजिश का इशारा
जांच के दौरान बुधवार को ही पुलिस ने घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों पर फोकस किया. वहां एक कैमरे की फुटेज खंगालने पर पूरी वारदात सामने आ गई. फुटेज में साफ दिख रहा है कि कैसे एक ऑटो जज को टक्कर मारकर वहां से निकल गया. दरअसल, रोज की तरह वह सुबह की सैर के लिए सुबह 5 बजे अपने घर से निकले थे. इसी दौरान रणधीर वर्मा चौक के आगे न्यू जज कॉलोनी मोड़ पर पीछे से आ रहे एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी और वहां से फरार हो गया. इस टक्कर से जज उत्तम आनंद सड़क के किनारे उछल कर कुछ दूर जा गिरते हैं. सड़क किनारे पड़े जज उत्तम आनंद को देख पवन पांडे नामक एक राहगीर ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया. जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. इस घटना की सीसीटीवी फुटेज साजिश की ओर इशारा कर रही है. इस घटना की सीसीटीवी फुटेज से साफ लगता है कि जैसे जज उत्तम आनंद को जान बूझकर ऑटो से टक्कर मारी गई हो.
परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
धनबाद में सीसीटीवी फुटेज ने जज की मौत पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. फुटेज में दिख रहा है कि कैसे टेम्पो से टक्कर के बाद धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद सड़क के किनारे जा गिरे थे. देखने में भले ही ये महज हादसा लगता है, लेकिन जज उत्तम आनंद के परिवार का कहना है कि ये दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है.
रंजय सिंह हत्याकांड की वजह से मर्डर?
जज उत्तम आनंद ने 6 महीने पहले ही धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप चार्ज लिया था. इससे पहले वो बोकारो के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे. उत्तम आनंद चर्चित रंजय हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे. रंजय सिंह धनबाद के बाहुबली नेता और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के काफी करीबी माने जाते थे. कुछ दिन पहले ही शूटर अभिनव सिंह और अमन का गुर्गा रवि ठाकुर की जमानत याचिका उन्होंने खारिज कर दी थी. आशंका जताई जा रही है कि रंजय सिंह हत्याकांड मामले में ही उनकी हत्या की गई है.
ऑटो जब्त, चालक समेत 3 आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में धनबाद से सटे गिरिडीह में पुलिस को ने उस ऑटो के चालक और उसके दो सहयोगियों को गिरिडीह से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के डिगवाडीह 12 नंबर के रहने वाले हैं. पुलिस ने जज को टक्कर मारने वाला ऑटो भी जब्त कर लिया है. इसके बाद पकड़े गए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस धनबाद ले गई है. जहां उनसे पूछताछ की जा रही है.
चोरी का निकला जज को टक्कर मारने वाला ऑटो
पुलिस की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, नए खुलासे होते जा रहे हैं. तहकीकात में पता चला है कि जिस ऑटो से जज उत्तम आनंद को टक्कर मारी गई थी, वह चोरी का ऑटो था. इस बात के खुलासे से यह बात साफ होती जा रही है कि धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत महज एक हादसा नहीं बल्कि पूरी तरह से सुनियोजित हत्या का मामला है. पुलिस को पता चला है कि जज को टक्कर मारने वाला ऑटो पाथरडीह की रहने वाली सुगनी देवी का है. सुगनी के अनुसार उसका ऑटो चोरी हो गया था.
उच्च स्तरीय जांच के आदेश
जज की मौत का मामला राजधानी तक जा पहुंचा. इस मामले में झारखंड सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए है. मामले की सीसीटीवी फुटेज कई सवालों के साथ ही हत्या की आशंका को बल दे रही है. झारखंड सरकार ने धनबाद के डीसी और पुलिस को उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर इस घटना की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का फरमान सुनाया है.
जज की मौत पर हाई कोर्ट सख्त
झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले पर खुद संज्ञान लेते हुए सूबे के डीजीपी और धनबाद के एसएसपी से जवाब तलब किया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से भी जवाब मांगा है. कोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि राज्य में ये क्या हो रहा है. क्यों ना इस पूरे मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाए. हाई कोर्ट ने गुरुवार को जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में सुनवाई की. चीफ जस्टिस की बेंच ने राज्य के डीजीपी से कहा कि अगर पुलिस जांच करने में विफल रही तो यह मामला सीबीआई को दिया जा सकता है. डीजीपी ने बेंच को आश्वस्त किया है कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. पुलिस हर हाल में दोषियों को पकड़कर सजा दिलाएगी.
उठने लगी सीबीआई जांच की मांग
सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा है कि यह मामला सीबीआई को दिया जा सकता है. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन कहा कि पहले एक मौका धनबाद पुलिस को दे रहे हैं. अगर वो विफल रही तो यह केस सीबीआई को सौंपा जा सकता है. बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग की है.
हत्या का मामला दर्ज
हाई कोर्ट की सख्ती और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की मांग को देखते हुए पुलिस ने जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में हत्या की धारा यानी आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी है. अब यह बात साफ हो गई है कि जज की मौत हादसा नहीं मर्डर थी.
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