जाति गणना के मामले में पटना हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय का जदयू नेता ने किया स्वागत

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Update: 2023-08-02 17:12 GMT
ए डी खुशबू, कटिहार
कटिहार। बिहार में जाति गणना को उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसले का स्वागत करते हुए जदयू के धमदाहा विधानसभा प्रभारी मनोज ऋषि ने कोढ़ा में कहा कि बिहार के दलित शोषित पिछड़ा अति पिछड़ा वंचित समाज के लोगों के हित में निर्णय हुआ है। उन्होंने कहा कि न्यायालय के प्रति हम जदयू के सभी कार्यकर्ता आभार प्रकट करते हैं। देश में प्रत्येक 10 वर्ष पर जनगणना की जाती है लेकिन शोषित पिछड़ा एवं अति पिछड़ा समाज की गणना नहीं होने को लेकर सरकार के द्वारा चलाए जाने वाले कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दबे कुचले समाज के लोग लाभ लेने से वंचित रह जाते थे जिस वजह से देश में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले समाज के लोग आगे बढ़ने से वंचित रह जाते थे।
जाति गणना से अब इन वंचित समाज के लोग विकास के मुख्य धारा से जुड़ेंगे और राज्य सहित देश प्रगति की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 फरवरी 2019 और 27 फरवरी 2020 को जाति जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद के पास कराया था। हालांकि केंद्र सरकार इसके खिलाफ रही है केंद्र की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ कर दिया था कि जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी। मगर पटना उच्च न्यायालय ने जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य है। बहरहाल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र में जातीय जनगणना का कार्य शुरू हो गया है। जातीय जनगणना को लेकर सभी प्रगणक एवं पर्यवेक्षक को सामग्री उपलब्ध करा दिया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी श्याम कुमार के द्वारा सभी प्रगणक को जल्द से जल्द जाति जनगणना का कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
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