मुरादाबाद: अभिनेत्री और पूर्व सांसद जया प्रदा गुरुवार को मुरादाबाद कोर्ट में पेश हुईं। उनकी पेशी एमपी-एमएलए कोर्ट में थी। इस दौरान जया प्रदा ने महिलाओं के सम्मान को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "सीता मैया को भी 14 साल इंतजार करना पड़ा था। लेकिन, आज का समय बदल चुका है। फिर भी महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ाई अभी जारी है। यह सिर्फ मेरी बात नहीं है, बल्कि महिलाओं को सम्मान देना हर किसी का कर्तव्य बनता है। जिन लोगों ने हमारे ऊपर अभद्र टिप्पणी की है, जैसे कि एसटी हसन और आजम खान के समर्थकों ने, उनके खिलाफ मैं यह लड़ाई लड़ रही हूं।"
जया प्रदा ने यह भी कहा कि वह उन लोगों को सबक सिखाना चाहती हैं, जो महिलाओं के खिलाफ गलत बयानबाजी करते हैं। इसके अलावा, जया प्रदा ने मंदिरों पर हो रहे हमलों पर भी बात की। उन्होंने कहा, "संभल और अन्य जनपदों में मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। जहां भी मंदिर प्रकट हो रहे हैं, मैं चाहती हूं कि हमारे सनातन धर्म की मजबूती के लिए मोदी जी और योगी जी जो काम कर रहे हैं, उनका धन्यवाद किया जाए।"
इस दौरान जया प्रदा ने अपनी लड़ाई को लेकर दृढ़ निष्ठा दिखाई और कहा कि महिलाओं का सम्मान बहुत ज़रूरी है और वे इस लड़ाई को निरंतर जारी रखेंगी। जया प्रदा ने बताया कि 2019 के चुनाव में आजम खान के खिलाफ उन्होंने अपनी आवाज़ उठाई थी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनके समर्थकों और एस टी हसन साहब के द्वारा उनके खिलाफ गाली-गलौज और अभद्र टिप्पणियां की गईं। इस पर उन्होंने न्याय की मांग की और इसके खिलाफ केस दर्ज कराया।
उन्होंने बताया कि महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए और वे इसके लिए संघर्ष कर रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं के खिलाफ की गई इन टिप्पणियों और अपमान का जवाब देना ज़रूरी है, ताकि समाज में महिलाओं का सम्मान बढ़े। साथ ही उन्होंने सनातन धर्म और मंदिरों के महत्व पर भी बात की और कहा कि वे इस धर्म की रक्षा के लिए कार्य करने के लिए तैयार हैं।