जयराम रमेश ने नेहरू की जयंती पर सरकार अधिकारियों की ओर से दिखाई गई कथित उदासीनता

Update: 2021-11-14 14:46 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती को लेकर सरकार और संसद के शीर्ष पीठासीन अधिकारियों पर उदासीनता के आरोप लगाए हैं। संसद के केंद्रीय कक्ष में पारंपरिक समारोह से राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के साथ ही सरकार के किसी प्रमुख मंत्री के मौजूद नहीं रहने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सत्ता पक्ष को आड़े हाथों लिया। तो तृणमूल कांग्रेस ने भी सत्ता पक्ष की दिखाई उदासीनता की आलोचना करते हुए सरकार पर संसदीय परंपरा को ध्वस्त करने का आरोप लगाया।

संसद के केंद्रीय कक्ष में पंडित नेहरू की 132वीं जयंती के मौके पर उनकी तस्वीर पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। संसद में होने वाले इस पारंपरिक समारोह के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा आदि मौजूद थे। सरकार की ओर से कोई वरिष्ठ मंत्री इस दौरान मौजूद नहीं था। लघु तथा सूक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री भानुप्रताप ¨सह वर्मा सरकार के इकलौते प्रतिनिधि थे।
सत्तापक्ष का यह उदासीन रुख राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश को नागवार लगा और उन्होंने सवाल उठा दिया। जयराम ने ट्वीट कर कहा, 'जिनकी तस्वीर केंद्रीय कक्ष को सुशोभित करती है, उनकी जयंती के मौके पर संसद में आज आयोजित पारंपरिक समारोह में असाधारण दृश्य देखने को मिला। लोकसभा स्पीकर अनुपस्थित थे। सभापति भी मौजूद नहीं थे। एक भी मंत्री मौजूद नहीं था। क्या इससे ज्यादा भी कुछ नृशंस हो सकता है?'
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने जयराम के ट्वीट को टैग करते हुए कहा 'मुझे अब कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं लगता। यह सरकार हर दिन संसद समेत भारत की महान संस्थाओं को नष्ट कर रही है।' कांग्रेस पंडित नेहरू के योगदानों को दरकिनार करने को लेकर सरकार पर पहले भी निशाना साध चुकी है। अभी कुछ समय पहले ही आजादी के अमृत महोत्सव समारोह के संदर्भ में जारी देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों और हस्तियों की तस्वीरों में पंडित नेहरू की तस्वीर शामिल नहीं किए जाने पर भी पार्टी ने सवाल उठाया था।


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