राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए कट्टरता को बढ़ने से रोकना जरूरी : एमएसओ
दिल्ली। मुस्लिम छात्रों का भारत का सबसे बड़ा संगठन- भारतीय मुस्लिम छात्र संगठन (एमएसओ) दिल्ली में गालिब अकादमी में 'राष्ट्र निर्माण और इस्लाम' विषय पर अपना राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। दो दिवसीय आयोजन के पहले दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए।
एमएसओ ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया, "भारत के मुस्लिम युवाओं ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसे आगे बढ़ाने की जरूरत है।" एमएसओ के राष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई कि देश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले मुस्लिम युवाओं को किस तरह से एक नया देश बनाने के लिए राजी किया जा सकता है।
बयान में आगे कहा गया, "इस समय देशभर में विभिन्न विषयों में पीएचडी पाठ्यक्रमों में हजारों छात्र नामांकित हैं, जिनमें कई मुस्लिम युवा एमएसओ के सदस्य हैं। संगठन खुश है कि एमएसओ के पास शोध के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका है जो अनुसंधान के लिए बहुत प्रभावी है।"एमएसओ ने भारतीय मुस्लिम युवाओं में कट्टरता के प्रसार के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि वे इस मुद्दे को हल करने के लिए भी काम कर रहे हैं। संगठन ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कट्टरता के उदय को रोकने के लिए संगठन अपनी जिम्मेदारी समझता है। सम्मेलन के दौरान एमएसओ ने कश्मीर में रोजगार की स्थिति, शिक्षा और युवाओं को मुख्यधारा में लाने पर भी चर्चा की। संगठन का मानना है कि कश्मीर में युवाओं की स्थिति बहुत जटिल हो गई है और इसे ठीक करने के लिए एमएसओ अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार है।
एमएसओ के अध्यक्ष शुजात कादरी ने कहा कि कश्मीर में युवाओं के लिए करियर मार्गदर्शन शिविर आयोजित करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्त किया गया है। एमएसओ ने श्रीनगर में 'काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ सूफीज्म एंड कश्मीरियत' के गठन की भी मांग की, जिसके लिए संगठन ब्लूप्रिंट उपलब्ध कराने को तैयार है।