चेन्नई (आईएएनएस)| निजी रॉकेट स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि रॉकेट लॉन्च और ट्रैकिंग सेवाओं के लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा शुल्क नाममात्र का है।
कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक पवन कुमार चंदना ने आईएएनएस को बताया, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) हमें एकीकरण सुविधा, लॉन्चपैड, रेंज संचार और ट्रैकिंग सहायता प्रदान करता है। इसके लिए संगठन की ओर से नाममात्र का ही शुल्क वसूला जाता है।
चंदना ने बताया कि स्काईरूट एयरोस्पेस का रॉकेट विक्रम-एस 18 नवंबर को सुबह 11.30 बजे तीन छोटे उपग्रहों को लॉन्च करेगा।
उन्होंने बताया कि विक्रम-एस रॉकेट विक्रम-1 रॉकेट का छोटा संस्करण है। पहला सिंगल स्टेज रॉकेट है, जबकि दूसरा मल्टी-स्टेज व्हीकल है।
चंदना ने बताया, विक्रम-एस में उड़ान भरने वाले लगभग सभी सिस्टम इन-हाउस डिजाइन किए गए थे।
उन्होंने बताया कि कंपनी की योजना रॉकेट के तीन संस्करण बनाने की है।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि के रूप में स्काईरूट एयरोस्पेस के रॉकेटों का नाम 'विक्रम' रखा गया है।
चंदना ने कहा कि विक्रम -1 के कैलेंडर वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के दौरान उड़ान भरने की उम्मीद है।