जल्द दो रॉकेट लॉन्च करने वाला है ISRO, आपदा के दौरान ऐसे होगा मददगार

देश की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) जल्द ही 2 रॉकेट लॉन्च करने की तैयारी में है.

Update: 2021-07-17 16:11 GMT

देश की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) जल्द ही 2 रॉकेट लॉन्च करने की तैयारी में है. सतीश धवन स्पेस सेंटर की वेबसाइट के मुताबिक अगस्त और सितंबर में 2 रॉकेट लॉन्च किए जाएंगे जीएसएलवी (GSLV) और पीएसएलवी (PSLV). हालांकि इनकी तीरखों का अभी कोई ऐलान नहीं किया गया है.

GSLV को धरती से 36 हजार किलोमीटर दूर जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में रखा जाएगा. इस रॉकेट को अर्थ ऑब्‍जर्वेशन सैटेलाइट जीआईएसएटी -1 (GISAT-1) को लेकर लॉन्च किया जाएगा. बताया जा रहा है कि ये पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के समय के साथ तालमेल बिठाएगा लेकिन धरती से देखने पर ये स्थिर नजर आएगा. बताया ये भी जा रहा है कि ऐसे 3 सेटैलाइट पूरी पृथ्वी को काफी हद तक कवर सकते हैं. बताया जा रहा है कि GSLV प्राकृतिक आपदाओं और प्रासंगिक घटनाओं की तुरंत मॉनिटरिंग कर उनकी रियलटाइम इमेज उपलब्ध करवाएगा.
वहीं दूसरी ओर PSLV का लॉन्च अर्थ ऑर्ब्‍जेवेशन सैटेलाइट 4 को लेकर किया जा सकता है. इससे पहले ISRO ने PSLV-C51 के जरिए 19 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा था. इन सैटेलाइट्स में ब्राजील का अमेजोनिया-1 सैटेलाइट भी शामिल थी. ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के PSLV (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) C-51 ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी. 637 किलोग्राम वजनी अमेजोनिया-1 ब्राजील का पहला सैटेलाइट था, जिसे भारत से लॉन्च किया गया. यह राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान का ऑप्टिकल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (Optical Earth Observation Satellite) है.
कोरोना के चलते इसरो के लॉन्च होने वाले मिशन में हो सकती है देरी
इससे पहले बताया जा रहा था कि इसरो के इस साल के अंत में लॉन्च होने वाले मिशन में देरी होने की संभावना है, क्योंकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने समय को प्रभावित किया है. पिछले साल कोरोना महामारी की पहली लहर के बाद अंतरिक्ष एजेंसी की एक समिति ने सभी पेंडिंग मिशन को फिर से र्निर्धारित करने के लिए समीक्षा की थी. संशोधित कार्यक्रम के अनुसार इसरो को दिसंबर में मानव-रेटेड जीएसएलवी एमके III और देश के पहले सौर मिशन आदित्य एल1 की पहली मानव रहित उड़ान को भेजना था.
एजेंसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मिशन के लिए नई समयसीमा पर फैसले का इंतजार है. वहीं एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि मिशन में अपने निर्धारित समय से अधिक देरी होने की संभावना है. पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान देशभर से उपकरण और पार्ट्स को ट्रांसफर करने में असमर्थता से अंतरिक्ष मिशन प्रभावित हुए.
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