भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) : जानकारी दी है कि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर में 2 भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। पहले चंद्रयान-3 की लैंडिंग, आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग और गगनयान की तैयारी के बाद अब भारत को एक और खुशखबरी मिलने जा रही है। खबर है कि अमेरिका ने दो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स यानी अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने की तैयारी कर ली है। कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन पहले ही इस योजना का ऐलान कर चुके हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जानकारी दी है कि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर में दो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। ये स्पेस सेंटर अमेरिका के टेक्सस में स्थित है। भारतीय स्पेस एजेंसी ने यह भी बताय है कि अंतरिक्ष यात्रियों की इस ट्रेनिंग का आगाज अगस्त की शुरुआत से होगा। जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर थे और उस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत के एक एस्ट्रोनॉट को ISS यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजने की बात कही थी। रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कुछ ट्रेनिंग हासिल कर चुके दो में से एक एस्ट्रोनॉट को भारत-अमेरिका के साझा मिशन पर ISS भेजा जाएगा। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि SpaceX और Axiom भारतीय एस्ट्रोनॉट्स की मदद कर सकती हैं और इस मिशन को 2024 के अंत तक अंजाम दिया जा सकता है। ISRO के पूर्व अध्यक्ष के सिवन का कहना है कि यह मिशन नई तकनीक के साथ भारतीय एस्ट्रोनॉट्स का परिचय कराएगा। उन्होंने कहा, 'गगनयान प्रोग्राम के लिहाज से यह बहुत ही अहम कदम है।'