ऊना। ऊना जिला के गांव रैंसरी की इशिता कतनौरिया एमबीबीएस डॉक्टर बनेगी। उसका चयन आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस के लिए हुआ है। इशिता एमबीबीएस में चयन के लिए कई घंटे तक पढ़ाई करती थी। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और उसे एमबीबीएस में प्रवेश मिल गया। अब वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। वह शुरू से ही पढ़ने में होशियार रही। वह पढ़ाई सहित अन्य गतिविधियों में हमेशा अव्वल रहती आई है। एमबीबीएस में प्रवेश से पहले इशिता ने एक वर्ष तक नीट की कोचिंग ली थी। उसने नीट-2023 की परीक्षा में 720 में से 571 अंक प्राप्त किए।
पिता जसमेर सिंह व माता परमजीत कौर के घर 23 दिसम्बर, 2004 को पैदा हुई इशिता ने जमा दो की परीक्षा रॉकफोर्ड सीनियर सैकेंडरी स्कूल से उत्तीर्ण की थी। वह पढ़ाई में ही नहीं बल्कि गायन, नृत्य, ड्राइंग व पेंटिंग के साथ-साथ सिलाई का भी हुनर रखती है। वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम रहती थी। इशिता माता-पिता दोनों अध्यापक हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी का एमबीबीएस में दाखिला हो गया है। उनकी बेटी ने यह उपलब्धि हासिल करके उनका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। वहीं इशिता ने कहा कि उसके माता-पिता का सपना था कि मैं डॉक्टर बनूं। इसके लिए उसके माता-पिता ने हमेशा प्रेरित किया। हर कदम पर परिवार उनके साथ था। इशिता ने कहा कि यदि कड़ी मेहनत की जाए तो लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।