नई दिल्ली। ईडी के मौजूदा चीफ संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल आज यानी 15 सितंबर को खत्म हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी जगह ईडी ने नए डायरेक्टर के तौर पर फिलहाल आईआरएस अधिकारी राहुल नवीन को ईडी चीफ बनाया है. यानी राहुल नवीन आज से ईडी के नये कार्यवाहक निदेशक होंगे. उम्मीद की जा रही है कि शनिवार से वो कार्यकारी निदेशक का कार्यभार संभालने लगेंगे. इससे पहले बतौर ईडी चीफ संजय कुमार मिश्रा करीब 5 साल अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मौजूदा प्रमुख संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को अवैध करार दिया था.
बता दें, आईआरएस अधिकारी राहुल नवीन 1993 बैच के अफसर हैं. मूल रूप से वो बिहार से ताल्लुक रखते हैं. राहुल नवीन ईडी मुख्यालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में भी कार्यरत हैं.अब उन्हें केन्द्र सरकार बड़ी जिम्मेदारी देते हुए ईडी का कार्यवाहक निदेशक बनाया है. अब जब तक ईडी चीफ के तौर पर किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो जाती राहुल नवीन इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मौजूदा निदेशक संजय कुमार मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दे दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा गया था कि वो 31 जुलाई तक अपना पद छोड़ दें. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा था कि 2021 में सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के मुताबिक मिश्रा को नवंबर 2022 से आगे विस्तार नहीं दिया जा सकता था. इधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें 15 अक्टूबर तक पद पर बने रहने की अनुमति देने का उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया था. जिसपर कोर्ट ने उन्हें 15 सितंबर तक पद पर बने रहने की अनुमति दी थी.
दरअसल, संजय मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिकाओं के एक समूह की ओर से चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2021 के आदेश का हवाला दिया गया था. बता दें, याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जया ठाकुर और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई अन्य लोग शामिल थे.
गौरतलब है कि ईडी के मौजूदा निदेशक संजय मिश्रा को पहले पहल नवंबर 2020 में समाप्त होने वाले दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया गया, जिसे एक गैर सरकारी संगठन, कॉमन कॉज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सितंबर 2021 के फैसले में विस्तार की अनुमति दी थी, क्योंकि उनका कार्यकाल लगभग दो महीने में समाप्त हो रहा था, यह स्पष्ट था कि मिश्रा को कोई और विस्तार नहीं दिया जाना था.