IPS को बनाया निशाना: पुलिस कमिश्नर की फर्जी फेसबुक ID, मचा हड़कंप

धारा-318(4), 319(2)BNS के तहत FIR दर्ज.

Update: 2024-12-25 08:19 GMT
सांकेतिक तस्वीर
भोपाल: भोपाल पुलिस कमिशनर के नाम से फ़र्ज़ी फेसबुक आईडी बनाकर ठगने वाले गिरोह के 4 लोगों को साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, 5 नवंबर 2024 को महेश कुमार नाम के शख्स ने साइबर क्राइम भोपाल में लिखित शिकायत दी थी कि पुलिस कमिश्नर हरनिरायणचारी मिश्रा के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी 'Hari Narayan' के मैसेन्जर से मैसेज आया, जिसमें IPS हरिनारायणचारी मिश्रा की फोटो लगी थी. मैसेज में लिखा था- पुराना फर्नीचर सस्ते में बेचना है. इसके बदले में आरोपी ने आवेदक को क्यूआर कोड भेजकर कुल 45000 रुपये धोखाधड़ीपूर्वक खाते में ट्रांसफर करवा लिए. शिकायत के आधार पर थाना क्राइम ब्रांच में धारा-318(4), 319(2)BNS के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई.
साइबर क्राइम टीम ने ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर और फेसबुक आईडी के असल यूजर की तकनीकी जानकारी जुटाई गई, जिसके आधार पर राजस्थान के अलवर से 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों से पूछताछ के आधार पर गिरोह के मुख्य सरगना समेत कुल 4 और लोगों को विदिशा ज़िले से गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने आईपीएस हरिनारायणाचारी मिश्र की फोटो का उपयोग कर "Hari Narayan" नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी बनाई और उनकी असली फेसबुक आईडी से जुड़े लोगों से दोस्ती की.
इसके बाद मैसेंजर चैट के माध्यम से एक अन्य अधिकारी के ट्रांसफर का बहाना बनाकर सस्ते दामों पर फर्नीचर बेचने की बात करते थे. आरोपी वॉट्सएप के जरिए कीमती फर्नीचर के फोटो भेजते थे और इन्हें सस्ते दामों में बेचने का झांसा देते थे. साथ ही, फर्नीचर का बिल बनवाने और ट्रांसपोर्ट से भेजने के नाम पर लोगों से फर्जी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाकर धोखाधड़ी करते थे.
गिरोह का मुख्य सरगना विदिशा ज़िले के लटेरी का रहने वाला आकाश नामदेव है. जो फ़र्ज़ी तरीके से मोबाइल सिम एक्टिवेट करना और गिरोह के अन्य साथियों को बेचने का काम करता था. इसके अलावा, आकाश से सिम लेकर लेकर गिरोह के अन्य सदस्यों को बेचने वाला राहुल पंथी समेत विवेक रघुवंशी और सोनू नाम के युवकों को गिरफ्तार किया गया है.
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