IPS अफसर फंसे सेक्स रैकेट में, मुख्यमंत्री को ईमेल में मिली शिकायत
जांच शुरू
हरियाणा। जींद में महिला पुलिसकर्मियों का पत्र सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर वायरल होने के बाद आरोपी आईपीएस अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। राज्य में बीजेपी चीफ मोहन लाल बडोली ने कहा कि सरकार इस मामले की ठीक से जांच करवाएगी। सोनीपत में रिपोर्टर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर एसपी सुमित कुमार दोषी पाए जाते हैं तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी।
सात महिला पुलिस कर्मियों ने ईमेल के जरिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, एडीजीपी और अन्य सीनियर पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखे थे। महिला पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया था कि एसएचओ. डीएसपी और आईपीएस अधिकारी मिलाकर हनीट्रैप और सेक्स रैकेट चलाते हैं। ये एसएचओ और डीएसपी दोनों ही महिलाएं हैं।
इस मामले को संभावने वाली फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी ने कहा कि 19 महिला पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए गए हैं। जां पुरी होने के बाद रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। पत्र में महिला पुलिसकर्मियों ने कहा कि एक महिला एसएचओ, डीएसपी और एक एसपी अश्लील गतिविधि में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जो भी पुलिसकर्मी इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसकी एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (ACR) खराब कर दी जाती है। पत्र में यह भी दावा किया गया कि एसएचओ और आईपीएस अधिकारी के बीच अवैध संबंध हैं। उन्होंने का कि एसएचओ महिला पुलिसकर्मियों को लेकर आईपीएस के पास जाती हैं और उनको सौंप देती हैं।
पत्र में कहा गया, एक विधवा महिला अधिकारी को जींद विधायक कृष्णा मिधा के हस्तक्षेप के चलते बचा लिया गया। हालांकि उसका भी एसीआर खराब कर दिया गया। पत्र मं बताया गया कि आईपीएस अधिकारी की नजर सुंदर दिखने वाली महिला पुलिसकर्मियों पर रहती है। एसपी की पत्नी और बच्चे दूसरे जिले में रहते हैं। एक दिन एसएचओ मुझे लेकर एसपी के आवास पर गई। मुझसे चाय बनाने को कहा गया लेकिन जब मैं चाय लेकर लौटी तो मैडम एसएचओ वहां से गायब थीं। वहां केवल एसपी थे। उन्होंने मेरे साथ जबरदस्ती की तो किसी तरह कमरे से बाहर भाग पाई।