Shimla. शिमला। वन विभाग में सरकारी आवास के सबलैटिंग की जांच शुरू हो गई है। यह जांच कर्मचारियों की शिकायत के आधार पर हो रही है। कर्मचारी महासंघ ने बड़े ओहदे पर बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों के आवास दूसरों को मिलने की बात कही है। इस शिकायत के आधार पर वन बल प्रमुख डा. पवनेश ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी आवासों में बिना अलॉटमेंट के रह रहे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिकायत में दस से ज्यादा आवास सबलैट होने की बात कही गई है। दरअसल, वन विभाग ने अपने कर्मचारियों को आवास मुहैया करवाए हैं लेकिन शिकायत में यह कहा गया है कि जिन कर्मचारियों को आवास दिए गए हैं।
इनमें से बड़े ओहदों पर बैठे कुछ कर्मचारियों ने इन्हें दूसरों को आबंटित कर दिया है। वन विभाग जांच के साथ ही आवासों की मरम्मत का काम भी शुरू करेगा। विभाग ने छोटे कर्मचारियों के लिए अलग से मरम्मत का बजट मुहैया करवाने की बात कही है। वन विभाग में मरम्मत के लिए आने वाले बजट का 60 फीसदी हिस्सा छोटे कर्मचारियों के आवास पर खर्च होगा। जबकि 40 फीसदी बजट अधिकारियों के आवास पर खर्च किए जाएंगे। वन बल प्रमुख डा. पवनेश ने दफ्तरों में काम कर रहे फील्ड कर्मचारियों को वापस वनों में भेजने की बात कही है। साथ ही ऐसे मामलों की भी जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही जेओए आईटी के प्रशिक्षण का इंतजाम वन विभाग करेगा। वन विभाग में लिपिक और वरिष्ठ सहायकों के पदों को भरने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। इसके लिए विभाग के मुखिया डा. पवनेश जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं।