International Tiger Day: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस की पीएम मोदी ने दी बधाई
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के मौके पर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वन्य जीवों से प्रेम करने वाले लोगों को बधाई दी है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) के मौके पर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने वन्य जीवों से प्रेम करने वाले लोगों को बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिए लिखा है कि वन्यजीव प्रेमियों, विशेष रूप से बाघ संरक्षण के प्रति उत्साही लोगों को बधाई. विश्व स्तर पर बाघों की 70% से ज्यादा आबादी के घर के रूप में हम अपने बाघों के लिए सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने और बाघों के लिए अनुकूल वातावरण को पोषित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं.
पीएम मोदी ने आगे लिखा भारत, 18 राज्यों में फैले 51 बाघ अभयारण्यों का घर है. 2018 की अंतिम बाघ गणना में बाघों की आबादी बढ़ी है. भारत ने टाइगर रिजर्व पर सेंट पीटर्सबर्ग डिक्लरेशन की अनुसूची के बाघों की आबादी को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल किया है. उन्होंने लिखा कि बाघ संरक्षण को लेकर भारत की रणनीति स्थानीय समुदायों को इसमें शामिल करने को सर्वोच्च महत्व देती है. हम सभी वनस्पतियों और जीवों के साथ सद्भाव में रहने के हमारे सदियों पुराने लोकाचार से भी प्रेरित हैं. इनके साथ हम अपने महान ग्रह पर रहते हैं.
29 जुलाई को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस
हर साल 29 जुलाई को बाघों की रक्षा और वन्यजीवों के अवैध व्यापार को रोकने के आह्वान के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है. बाघों को वन्यजीवों की लुप्त होती प्रजाति की सूची में रखा गया है. इनके संरक्षण के लिए 'सेव द टाइगर' जैसी मुहित चलाई जा चुकी है. पिछले कई दशकों में सिंगापुर, हांगकांग, कोरियाई प्रायद्वीप, इंडोनेशिया, कंबोडिया और वियतनाम सहित कई देशों में बाघ विलुप्त हो गए हैं.
सिर्फ 13 देशों में ही पाए जाते हैं बाघ
दुनियाभर के 13 देशों में ही बाघ पाए जाते है, जिसमें से 70 फीसदी बाघों की जनसंख्या भारत में है. साल 2010 में देश में बाघों की संख्या 1706 के करीब थी, वहीं साल 2018 की जनगणना के मुताबिक इनकी संख्या बढ़कर 2967 हो गई. लोगों में बाघों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए सेंट पीट्सबर्ग में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें हर साल 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाए जाने का ऐलान किया गया. इस सम्मेलन में साल 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था.