इंटरनेशनल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, 12 युवतियों समेत 20 लोग गिरफ्तार

पुलिस को मिले कंडोम के पैकेट

Update: 2023-09-11 17:21 GMT
नई दिल्ली। मलोट के किलियावली में चल रहे देह व्यापार के धंधे का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 12 महिलाओं समेत 20 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है। देह व्यापार के धंधे में पंजाब और राजस्थान के अलग-अलग शहरों की युवतियां शामिल हैं। अड्डे से जो ग्राहक पकड़े गए हैं, वे पंजाब के गिद्दड़बाहा, श्री मुक्तसर साहिब और आसपास के गांवों के बताए जा रहे हैं। इंस्पेक्टर कुलदीप कौर और एस.आई. करमजीत सिंह समेत पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए, बिट्टू कौर पत्नी बलराज सिंह निवासी वडिंग खेड़ा हाल आबाद मंडी किलियावाली, उसके पति बलराज सिंह उर्फ ​​सोनू और राजविंदर कौर उर्फ ​​राजू पत्नी बलवंत सिंह निवासी अबूब शहर हाल अबाद मंडी किलियावाली के अड्डे पर छापा मारा।

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 12 महिलाओं और 8 पुरुषों को गिरफ्तार किया है। जिसमें बिट्टू कौर पत्नी बलराज सिंह निवासी वडिंग खेड़ा हाल आबाद कीर्ति नगर मंडी किल्लियावाली, उसका पति बलराज सिंह उर्फ ​​सोनू पुत्र बलकार सिंह, राजविंदर कौर उर्फ ​​राजू पत्नी बलवंत सिंह निवासी अबूब शहर हाल अबाद मंडी किलियावाली शामिल हैं। इसके अलावा मनु पत्नी दीपक कुमार निवासी गली नंबर 2 जलालाबाद, परमजीत कौर पत्नी बलजीत सिंह, निवासी पटेल नगर मलोट, चरणजीत कौर पत्नी गुरदीप सिंह निवासी बहाववाला, जसवीर कौर पत्नी हरविंदर पाल सिंह निवासी संतोख पुरा मोहल्ला, फिलोर हाल आबाद भुल्लर कॉलोनी श्री मुक्तसर साहिब, वीरपाल कौर पत्नी जसविंदर सिंह निवासी नरूआना रोड बठिंडा, बब्बू कौर पत्नी भिंदा सिंह निवासी कबीर बस्ती मंडी किल्लियावाली काबू किया।
पणजी में इंटरनेशनल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने दो विदेशी महिलाओं को पकड़ा है। अब इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ये कार्रवाई गोवा में हुई है लेकिन इसे केन्या से ऑपरेट किया जा रहा था। इसमें सैक्स वर्क ग्राहकों को पेमेंट के लिए क्यूआर कोड देती थी, जिसे बाद में पूरा पैसा दलालों को ट्रांसफर हो जाता था। आम तौर पर लेनदेन के शुरुआती चरण में क्यूआर कोड या यूपीआई भुगतान किया जाता था, जिससे ग्राहक बाद में सैक्स वर्क को भुगतान करने से न बच सकें।अंजुना पीआई प्रशाल देसाई का कहना है पुलिस ने 28 वर्षीय मारिया डोरकास और 22 वर्षीय विल्किस्टा अचित्सा को केन्याई से हिरासत में लिया है। सभी पांचों महिलाओं को एनजीओ अर्ज़ के सहयोग से बचाया गया है। पुलिस फिलहाल तीसरे आरोपी नाइजीरियाई की तलाश कर रही है।
पुलिस अधिकारी ने इस मामले को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि ये रैकेट केन्या और भारत के बीच चलाया जा रहा था। इसे एक एनजीओ एआरजेड की मदद से चलाया जा रहा था, जिस ऑपरेशन में पुलिस ने पांच महिलाओं को अवैध धंधे से निकाला है। मामले की जांच में सामने आया है कि इसके लिए तस्करों का एक गिरोह काम करता है। वो एजेंटों की मदद से केन्या की महिलाओं को टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी में नौकरी दिलवाने का झांसा देता था। बताया गया कि इन महिलाओं को केन्याई से भारत लाने के बाद उनका पासपोर्ट और वीजा, एजेंट द्वारा छीन लिया जाता है। इतना ही नहीं, फिर उन्हें डरा-धमका कर प्रोस्टिट्यूशन के काम में धकेला जाता है। ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिए एस्कॉर्ट सुविधा की वेबसाइट्स से ये रैकेट ऑनलाइन तरीके से चलाया जा रहा है। आगे बताया गया कि जब पुलिस को NGO की सूचना मिली तब जाकर उन्होंने इस रैकेट के बारे में जानने की कोशिश की। एनजीओ एआरजेड का पता तब चला जब पुलिस को बेंगलुरु से लाई गई कुछ पीड़िताओं की जानकारी मिली। ऐसे में गोवा पुलिस ने सूचना पर तत्काल कार्रवाई करने के साथ छापेमारी शुरू की। इसके बाद बचाई गई महिलाओं को पुलिसों ने मर्सिस के एक सेफहाउस में रखा है। साभार न्यूज 24.
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