इंटरनेशनल कॉल: विधायक को मिली जान से मारने की धमकी, अब हुआ ये खुलासा
जानें पूरा मामला।
गुरुग्राम: गुरुग्राम में कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स को इंटरनेशनल कॉल कर जबरन वसूली औऱ धमकाने का मामला सामने आया है. शातिर आरोपी ऐप के जरिए विधायक को धमकी भरे कॉल कर रहा था, इससे ऐसा लग रहा था कि कॉल किसी इंटरनेशनल नंबर से की जा रही है. हालांकि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. एक आरोपी BCA का फाइनल ईयर का स्टूडेंट है जबकि दूसरा आरोपी इलेक्ट्रिशियन है.
एजेंसी के मुताबिक बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स के पास एक कॉल आई थी, इसमें उन्हें धमकाया गया. साथ ही जबरन वसूली की बात भी कही गई थी. इसके बाद विधायक ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस ने इस केस की पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई. क्योंकि क़ॉल विदेश से नहीं, बल्कि लोकल स्तर से ही की जा रही थी.
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने एक एंड्रॉइड एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर कांग्रेस के विधायक को कॉल किए थे. आरोपियों की पहचान 22 वर्षीय मंजीत और 22 साल के विक्रम के रूप में हुई है. दोनों आरोपी दोस्त हैं. मंजीत झज्जर के नेहरू कॉलेज में कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएशन का स्टूडेंट है, जबकि विक्रम इलेक्ट्रीशियन का काम करता है.
25 अगस्त को कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें इंटरनेशनल नंबरों से 3 कॉल आए थे. कॉल करने वालों ने उनसे 1 लाख रुपये की मांग की. इतना ही नहीं, पेमेंट न करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी.
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी झज्जर के सिलाना गांव के रहने वाले हैं. गिरफ्तारी सेक्टर 31 क्राइम यूनिट से हेड इंस्पेक्टर आनंद यादव ने की. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि मंजीत ने अपने फोन में एक एंड्रॉइड एप्लीकेशन इंस्टॉल किया था, इस एप्लीकेशन के जरिए कॉल करने कॉलर का नंबर सामने वाले के फोन में दिखाई नहीं देता था, बल्कि रिसीवर के मोबाइल पर एक ऐसी नंबर फ्लैश होती थी, जिससे लगता था कि कॉल इंटरनेशनल नंबर से आई है. जबकि विक्रम ने मंजीत को कांग्रेस विधायक का नंबर उपलब्ध कराने में मदद की थी.
एसीपी (अपराध) प्रीत पाल सिंह सांगवान ने कहा कि हमने मामले की जांच की. शुरुआती जांच में ही स्पष्ट हो गया था कि ये कॉल कोई इंटरनेशनल लेवल से नहीं की गई है, बल्कि विधायक से जबरन वसूली के लिए की गई है. ये शातिराना प्लान है. शिकायत के आधार पर डीएलएफ फेज-2 थाने में FIR दर्ज कर मामले की जांच क्राइम ब्रांच सेक्टर 31 को सौंपी गई. पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान यह सामने आया कि कॉल एंड्रॉइड एप्लीकेशन के जरिए की गई थी. यह VOIP कॉल थी. प्रीतपाल सिंह सांगवान ने बताया कि हम आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं. आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा.