24 से 26 सितंबर तक पहली बार उत्तराखंड में होगा 'अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव'

उत्तराखंड के सेब को पहचान दिलाने के लिए पहली बार सरकार अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव आयोजित कर ही है।

Update: 2021-09-22 15:39 GMT

उत्तराखंड के सेब को पहचान दिलाने के लिए पहली बार सरकार अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव आयोजित कर ही है। देहरादून के रेंजर कालेज ग्राउंड में 24 से 26 सितंबर तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव के लिए उद्यान विभाग ने तैयारी पूूरी कर ली है। अदानी ग्रुप समेत टर्की, नाइजीरिया समेत कई देशों की कंपनियां भी महोत्सव में भाग लेंगी। इससे उत्तराखंड सेेब को मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बवेजा ने बताया कि तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में सेब के अलग-अलग किस्मों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें उत्तराखंड समेत हिमाचल और जम्मू कश्मीर के प्रगतिशील किसान उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। महोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिता भी आयोजित होगी। इसमें सेब और उससे तैयार होने वाले उत्पाद, पैकेजिंग भी शामिल हैं।
तकनीकी सत्र में किसानों को सेब उत्पादन के साथ नई तकनीकी के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसमें पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय, औद्यानिकी विश्वविद्यालय भरसार, डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी विश्वविद्यालय नौणी, हिमाचल प्रदेश के विशेषज्ञ सेब उत्पादन को बढ़ावा देेने विषय पर व्याख्यान देंगे। 24 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सेब महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल करेंगे।
उत्तराखंड में औद्यानिकी फसलों का सालाना 3250 करोड़ का कारोबार
प्रदेश में औद्यानिकी फसलों के तहत 2.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है। इसमें 4.50 लाख किसान औद्यानिकी फसलों का उत्पादन करते हैं। प्रदेश में औद्यानिकी फसलों का सालाना 3250 करोड़ का कारोबार है। 25785 हेक्टेयर भूमि पर सेब का उत्पादन होता है। प्रदेश में प्रतिवर्ष 62 हजार मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन होता है। उत्तरकाशी जिला सेब उत्पादन में अग्रणी जिला है।
हर्षिल घाटी के सेब किसान करेंगे महोत्सव का बहिष्कार
उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी के काश्तकारों ने दून में 24 से 26 सितंबर तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव का बहिष्कार किया है। किसान झाला स्थित कोल्ड स्टोर का संचालन नहीं किए जाने से आक्रोशित हैं।
हर्षिल घाटी के आठ गांव हर्षिल, झाला, सुक्की, मुखबा, पुराली, जसपुर, बगोरी व धराली के सेब काश्तकारों में झाला स्थित कोल्ड स्टोर का संचालन नहीं होने से रोष है। काश्तकार अनुबंध खत्म होने के बाद से कोल्ड स्टोर के शीघ्र संचालन की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके अब तक भी कोल्ड स्टोर के संचालन के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।
काश्तकार जंगली जानवरों के उत्पात से भी परेशान हैं। उपला टकनौर जन मंच के अध्यक्ष माधवेंद्र रावत, काश्तकार मोहन राणा, संजय सिंह, सचेंद्र पंवार, दिनेश रावत, भवानी आदि ने समस्याओं के निस्तारण के लिए सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने वन सरपंच, जैव विविधता संरक्षण समिति व ईको डेवलपमेंट कमेटी के पदों से भी त्यागपत्र देने की चेेतावनी दी।
Tags:    

Similar News

-->