मोबाइल या बैंक खाता से रुपए की ठगी होने पर तुरंत 1930 में शिकायत दर्ज करें

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Update: 2025-01-01 17:17 GMT
Sarangarh Bilaigarh. सारंगढ़ बिलाईगढ़। नववर्ष के प्रथम दिवस पर जिला अग्रणी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के द्वारा कलेक्टर सभाकक्ष में कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू की अध्यक्षता में "डिजिटल धोखाधड़ी जागरूकता अभियान" पर जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ दोपहर में बैठक आयोजित किया गया। बैठक के बाद प्रचार रथ को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया गया। कलेक्टर कार्यालय परिसर में कला जत्था की टीम ने साइबर ठगी से जागरूकता का नाटक प्रदर्शन किया। कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने इस अवसर पर बैंक के अधिकारियों से प्रश्न किया कि ग्राहक की जानकारी (डाटा) साइबर ठग तक कैसे पहुंचती है। इसके जवाब में एसबीआई सारंगढ़ के मुख्य प्रबंधक लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने कहा कि सभी ग्राहक अपने
मोबाइल
के कई ऐप में कॉन्टैक्ट शेयर अलाउ, फोटो शेयर अलाउ, वाइस अलाउ जैसे कई प्रकार के अनुमति मोबाइल के गूगल सर्च इंजन, ट्रू कॉलर, फेसबुक आदि ऐप को दे देते हैं। सभी ग्राहकों को जागरूक होकर मोबाइल के इन सभी ऐप के सेटिंग में अलाउ किए गए कॉन्टैक्ट, फोटो, आदि को बंद (नो अलाउ) करना होगा ताकि किसी भी ऐप को यह जानकारी नहीं मिले। उन्होंने कहा कि यदि किसी के बैंक खाता से कोई ठीक करता है तो वह सबसे पहले 1930 में साइबर अपराध के लिए कॉल करें। इसके साथ ही नागरिक का बैंक खाता उसके निवास से दूर है तो वह अपने नजदीकी कोई भी बैंक में जाकर ठगी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कर सकता है। यहां यह जरूरी नहीं कि जिस भी शहर के शाखा में बैंक खाता है वहीं जाकर शिकायत दर्ज करें। एसबीआई क्षेत्रीय कार्यालय रायगढ़ के सहायक महाप्रबंधक राजेश कुमार ने कहा कि एसबीआई की ओर से नुक्कड़ नाटक और प्रचार रथ वाहन के माध्यम से सभी जिलों में साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से आपके मोबाइल से अश्लील वीडियो अपलोड की गई।

अश्लील वीडियो देखी गई, डिजिटल अरेस्ट, आपके बच्चे इस थाना में इस अपराध के तहत बंद है, कहकर जानकारी देते हैं तो, नागरिक को चाहिए कि वह सबसे पहले डरे नहीं और उसे व्हाट्सएप कॉल करने वाले से पूरी जानकारी मांगे,कौन से थाने में शिकायत या अपराध दर्ज किया गया है, आप कौन से थाने से फोन किए हैं, उस थाना के प्रभारी और जिले के एसपी आदि के नंबर क्या है। इन कई प्रश्न करने पर साइबर अपराधी गाली गलौज करके फोन काट देते हैं इससे नागरिक ठगी से बच जाते हैं। सहायक महाप्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि जितनी जल्दी हो सके साइबर ठगी होने पर इसकी शिकायत अपने बैंक और 1930 पर करना चाहिए इससे बैंक उसे बैंक खाता से राशि को होल्ड कर देगा और संबंधित फ्रॉड करने वाले अपराधी के बैंक खाता जिसमें
ट्रांसफर
हुआ है उसके खाता को होल्ड कर देंगे इससे राशि तुरंत एक खाते से दूसरे खाते में शेयर नहीं हो पाएगा जिससे कोर्ट के माध्यम से उसे ग्राहक को दिया जा सकेगा नहीं तो साइबर अपराधी बहुत जल्दी करीब 1 घंटे में 4000 या 5000 खातों में रुपए का ट्रांजैक्शन कर देते हैं जिससे पैसे की वापसी की प्रक्रिया बहुत जटिल हो जाती है और पैसा वापसी की संभावना कम होती है इसलिए जागरूक रहकर तुरंत शिकायत करना चाहिए उन्होंने एक वाक्या बताया, जिसमें कहा कि एक शिक्षक के बैंक खाते से ठगी हो गया तो उस शिक्षक ने कहा कि से ठगी हो गया कहकर शर्मिंदा होना पड़ेगा इसलिए एक हफ्ते बाद बैंक में शिकायत दर्ज किया गया, जिसके कारण उनका पैसा वापसी मुश्किल था। साइबर सेल के आरक्षक ने थानों के माध्यम से की जा रही साइबर सेल की जानकारी दी। इस अवसर पर अपर कलेक्टर एस के टंडन, डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू, शिक्षा शर्मा, सीएमएचओ डॉक्टर एफ आर निराला, जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद पटेल, समाज कल्याण अधिकारी विनय तिवारी, सहायक आयुक्त बद्री सुखदेव प्रभारी कोषालय अधिकारी हरिराम पटेल, खेल अधिकारी कौशल ठेठवार, एसडीओ पीएचई कमल कंवर कमल कंवर, एसडीओ वन अमिता गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार भरत अग्रवाल सहित जिले के साइबर सेल के पुलिस उपस्थित थे।
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