सभी जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर इंटेलिजेंस अलर्ट

Update: 2023-06-08 07:17 GMT

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रांची (आईएएनएस)| झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ चिंता का सबब बनता जा रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों को ऐसे इनपुट मिले हैं कि आनेवाले दिनों में बांग्लादेश से झारखंड में घुसपैठ तेजी से बढ़ सकती है। इस इनपुट के आधार पर राज्य के सभी जिलों के डीसी, एसएसपी और एसपी को अलर्ट किया गया है और उनसे घुसपैठ रोकने से लेकर घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सरकारी दस्तावेज तैयार कर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने तथा एक साजिश के तहत उन्हें बसाने की कोशिश की जा रही है। घुसपैठियों को राज्य और देश की आंतरिक व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए संथाल परगना सहित सभी जिलों में भी सतत निगरानी की जरूरत पर जोर दिया गया है।
विशेष शाखा से जारी पत्र के बाद संबंधित जिलों के डीसी ने सभी बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी को इसकी सतत निगरानी, जांच और सत्यापन के लिए लिखा है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत बांग्लादेशी घुसपैठियों से संबंधित जांच रिपोर्ट अपने अनुमंडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराएं।
रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने सदर और बुंडू के एसडीओ, सभी बीडीओ-सीओ और थानेदार को अपने-अपने क्षेत्र में नागरिकों का सत्यापन कराने, मुखबिर के माध्यम से क्षेत्र में नए आए लोग और बांग्लादेशी घुसपैठियों से संबंधित जानकारी जुटाकर उसका वेरिफिकेशन करने का निर्देश दिया है।
डीसी ने कहा कि सत्यापन के बाद नियमित रूप से निगरानी रखते हुए हरेक माह इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजें, ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हो सके और नियम संगत कार्रवाई भी की जा सके।
रांची के नए बसाहट वाले क्षेत्रों में बाहरी लोगों के बसने की सूचना पिछले कई वर्षों से सामने आ रही है। कुछ समय पहले रांची में सिल्ली-मुरी के रास्ते नामकुम, रातू और धुर्वा क्षेत्र में भी कुछ बांग्लादेशियों के आने की सूचना मिली थी। अब जब विशेष शाखा ने सभी जिलों को बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने की सूचना दी तो प्रशासन चुस्त हुआ।
पुंदाग, धुर्वा, जगन्नाथपुर, रातू, कांके, ओरमांझी, नामकुम और नए बसाहट वाले क्षेत्रों में निगरानी का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठिए लंबे समय से रह रहे हैं। धीरे-धीरे वे दूसरे जिलों में भी फैलते जा रहे हैं। स्थानीय नेताओं और लोगों की सहायता से वे वोटर आइडी कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवाकर जमीन भी खरीद रहे हैं।
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