राज्यों में पराली जलाने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश, सीएक्यूएम ने कही यह बात

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

Update: 2021-08-22 17:29 GMT

नई दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। फसल की कटाई से पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली सहित आसपास के राज्यों से कहा है कि वे उपग्रह डेटा का उपयोग कर पराली जलाने की घटनाओं के आकलन के लिए इसरो द्वारा विकसित एक मानक प्रोटोकाल को अपनाना और लागू करना सुनिश्चित करें।

आयोग के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए योजनाओं को तैयार करने और लागू करने का अधिकार है। सीएक्यूएम ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को प्रोटोकाल के आधार पर पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी और रिपोìटग के लिए जिम्मेदार एजेंसियों से विचार-विमर्श कर कार्य योजना विकसित करने के लिए कहा है।
आयोग ने पिछले साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ हुई एक बैठक में आग की घटनाओं की निगरानी के लिए दिल्ली और आसपास के राज्यों में एक मानक कार्यप्रणाली विकसित करने और लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया था। इस प्रोटोकाल को राज्य रिमोट सेंसिंग सेंटर और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान जैसी हितधारक एजेंसियों के साथ परामर्श से तैयार किया गया है।
आयोग ने कहा कि प्रोटोकाल को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में समान रूप से अपनाया जाना चाहिए। आयोग ने इन राज्यों से 30 अगस्त तक प्रोटोकाल लागू करने को लेकर रिपोर्ट भी मांगी है।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच धान की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं। यह दिल्ली सहित आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि के मुख्य कारणों में से एक है।


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