बड़े अफसर का निर्देश, इंस्पेक्टर और दरोगा समेत पांच पुलिस कर्मचारियों पर FIR, जानें पूरा मामला

बड़ा एक्शन.

Update: 2024-12-30 04:39 GMT
फर्रुखाबाद: फर्रुखाबाद में वाहन ठीक कराने के बहाने बुलाए गए बाइक मैकेनिक को तमंचा बरामद दिखाकर जेल भेजने के मामले में एडीजी के निर्देश पर मोहम्मदाबाद कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर मनोज भाटी, दरोगा महेंद्र सिंह, सिपाही अंशुमन चाहर, राजन पाल और यशवीर सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पिपरगांव निवासी कृष्ण कुमार की ओर से सीओ को शिकायत की गई थी कि उसके भाई बाइक मैकेनिक नंदू को प्रधान और मोहम्मदाबाद कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने षड़यंत्र करके 18 अगस्त को बाइक सही कराने के बहाने बुलाया। अगले दिन नंदू को पुलिसकर्मी नदी किनारे ले गए। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने नंदू को तमंचा पकड़ाकर भागने के लिए कहा।
धमकी दी कि यदि नहीं भागे तो गोली मार देंगे। इस पर नंदू भागने को मजबूर हो गया। पुलिस ने उसके भागने का वीडियो बनाया और पकड़कर वापस थाने ले आए। नंदू के खिलाफ धारा 25 में मुकदमा दर्जकर उसे जेल भेज दिया। मामले की जांच तत्कालीन सीओ अरुण कुमार ने की। जिन्हें पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली थी। वर्तमान सीओ राजेश द्विवेदी ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर रविवार को न्यायिक कार्य में गलत साक्ष्य देने के तहत बीएनएस की धारा 229 में मोहम्मदाबाद कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। इसमें अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है।
वाराणसी में फरियादियों से अभद्रता की शिकायत पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने खुद जांच कराकर दशाश्वमेध थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय को लाइन हाजिर कर दिया। उन्होंने यह कार्रवाई रविवार रात ट्रैफिक पुलिस लाइन सभागार में हुई अपराध समीक्षा बैठक में की। सीपी को बीते कई दिनों से थाने में आम जनता के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की शिकायत मिल रही थी। इसके बाद उन्होंने खुद एक महिला को मोबाइल चोरी की शिकायत दर्ज कराने थाने भेजा था। प्रभारी ने उस महिला के साथ भी अशिष्टता की थी। बैठक में कार्रवाई करने के बाद उन्होंने अन्य थानेदारों को भी ताकीद की है। कहा कि इस तरह की कार्यशैली अक्षम्य है। पर्यटन थाना प्रभारी रहे योगेंद्र प्रसाद को दशाश्वमेध थाने की कमान दी गई है।
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