Shimla. शिमला। मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत सेब की खरीद को लेकर सरकार ने निर्देश दे दिए हैं। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों को पूर्व की तरह ही बागबानों से समर्थन मूल्य के अनुसार सेब की खरीद करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में सेब सीजन की तैयारियों को लेकर जो बैठक की उसमें एमआईएस की सेब खरीद को लेकर भी चर्चा की गई है। हालांकि पूर्व में जो समर्थन मूल्य बागबानों के लिए घोषित किया है उसके मुताबिक ही सेब की खरीद होगी, लेकिन बागबानों को किसी प्रकार से दिक्कत पेश न आए इसे सुनिश्चित करने को कहा गया है। जानकारी के अनुसार मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकार इस बार भी ज्यादा से ज्यादा सेब की खरीद को तैयार है। सरकार की दो एजेंसियां एचपीएमसी और हिमफेड बागबानों के लिए विशेष सेब खरीद केंद्रों की स्थापना करेंगे और उनसे सेब की खरीद की जाएगी। बता दें कि बागबान इन एजेंसियों को डी ग्रेड का सेब देते हैं, जिसका इस्तेमाल जूस, स्कवैश व जैम आदि बनाने में किया जाता है।
एचपीएमसी इन उत्पादों को तैयार करता है, जिसकी काफी ज्यादा डिमांड न केवल हिमाचल में है बल्कि दूसरे राज्यों में भी है। दिल्ली में भी इसकी बिक्री की जाती है वहीं रेलवे के साथ भी एचपीएमसी के उत्पादों को बेचने का करार रहता है। प्रदेश सरकार हर साल बागबानों को राहत देने के लिए समर्थन मूल्य घोषित करती है। पिछले साल सरकार ने इसमें एक साथ अढ़ाई रुपए का इजाफा किया था लिहाजा माना जा रहा है कि शायद इस साल समर्थन मूल्य न बढ़े। सेब सीजन शुरू होने के साथ ही बागबानों की मांग भी सरकार से शुरू हो जाएगी। इस बार भी 200 से ज्यादा कलेक्शन सेंटर प्रदेश में खोले जाएंगे। इसके लिए एचपीएमसी व हिमफेड को निर्देश दिए हैं। शिमला जिला के अलावा मंडी, कुल्लू, सोलन, किन्नौर में सेब के खरीद केंद्र खोले जाते हैं। यहां बता दें कि बागबानों से हर साल 40 से 50 करोड़ रुपए तक का सेब खरीदा जाता है। पिछले साल जो सेब खरीदा गया था उसकी बकाया राशि अभी पूरी तरह से चुकता नहीं हुई है। अगले सप्ताह तक 20 करोड़ रुपए का बकाया चुकता हो जाएगा, जिसके साथ नए सेब सीजन के तहत नए सिरे से सेब की खरीद शुरू हो जाएगी।