INSACOG: कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दे सकता है प्रतिरक्षा को चकमा, गंभीर बीमारी की आशंका कम
देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कन्सोर्टियम इन्साकॉग (INSACOG) ने अपने अपने ताजा बुलेटिन में वैश्विक डाटा का हवाला देते हुए.
देश में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कन्सोर्टियम इन्साकॉग (INSACOG) ने अपने अपने ताजा बुलेटिन में वैश्विक डाटा का हवाला देते हुए कहा है कि अब हमारे पास स्पष्ट प्रायोगिक और क्लिनिकल डाटा उपलब्ध है जो बताता है कि ओमिक्रॉन में प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता बहुत अधिक है। दुनियाभर में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
हालांकि,शुरुआती अनुमानों के अनुसार इस वैरिएंट से होने वाली बीमारी उतनी अधिक गंभीर नहीं है जितनी डेल्टा जैसे पिछले वैरिएंट में थी, जो देश में महामारी की दूसरी लहर का कारण बना था। इन्साकॉग ने कहा कि भारत में उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य के मानक अपनाए गए हैं और ओमिक्रॉन की निगरानी के लिए जांच की जा रही हैं। भारत में अभी तक 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के 781 मामले सामने आ चुके हैं।
टीकों से मिलने वाली सुरक्षा में भी कमी
इसने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से होने वाले सिम्टोमैटिक (लक्षण सहित) संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा देने में पूर्व में हुआ संक्रमण या टीकों की क्षमता में उल्लेखनीय कमी दर्ज की जा रही है। डेल्डा अभी भी वैश्विक स्तर पर चिंता का वैरिएंट बना हुआ है, लेकिन ओमिक्रॉन ने दक्षिणी अफ्रीका में इसे पूरी तरह विस्थापित कर दिया है और ब्रिटेन व अन्य स्थानों पर प्रमुख वायरस बनने की राह पर नजर आ रहा है।