इन्फैंट्री-डे आज, CDS जनरल अनिल चौहान ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, जानें पूरा अपडेट
नई दिल्ली: भारतीय सेना की सबसे बड़ी लड़ाकू शाखा इंफैन्ट्री के योगदान को याद करने के लिए हर साल 27 अक्टूबर को इन्फैंट्री दिवस मनाया जाता है. इस दिन का देश के लिए एक अलग महत्व है. क्योंकि 1947 में इस दिन ही भारतीय सेना के पैदल सैनिक श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरने वाले पहले सैनिक बने थे. यह एक ऐसा काम था, जिसने पाकिस्तान समर्थित कबायली आक्रमणकारियों को श्रीनगर के बाहरी इलाके से लौटने पर मजबूर कर दिया था.
2022 के इन्फैंट्री दिवस समारोह में राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले इन्फैंट्री के नायकों को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक 'पुष्पांजलि' समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और रेजिमेंट के कर्नल्स ने पुष्पांजलि अर्पित की.
लेफ्टिनेंट कर्नल राम सिंह सहारन कीर्ति चक्र (सेवानिवृत्त), सब मेजर और मानद कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव परम वीर चक्र (सेवानिवृत्त) और सिपाही सरदार सिंह वीर चक्र (सेवानिवृत्त) नामक तीन सम्मानित पूर्व अफसरों ने भी इन्फैंट्री के दिग्गजों की तरफ से माल्यार्पण किया.
आजादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में CDS ने श्रीनगर लैंडिंग के 76वें वर्ष के उपलक्ष्य में जम्मू और कश्मीर के उधमपुर, गुजरात के अहमदाबाद, तमिलनाडु के वेलिंगटन और मेघालय के शिलांग से चार बाइक रैलियों को झंडी दिखाकर रवाना किया गया था. बाइक सवारों ने पैदल सेना के जवानों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 10 दिन में 8000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की थी. इस दौरान वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेट्स और छात्रों के साथ बातचीत की गई थी.
इन्फैंट्री के महानिदेशक ने सभी पैदल सैनिकों को अपने संदेश में बहादुरी, बलिदान, कर्तव्य के प्रति निस्वार्थ समर्पण और व्यावसायिकता के मूल मूल्य के लिए खुद को फिर से समर्पित करने और राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के अपने संकल्प में अदम्य बने रहने का आह्वान किया.