'क्रूज मिसाइल' का भारत ने किया सफल परीक्षण, चीन और पाकिस्‍तान की अब खैर नहीं

भारत ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की गई एक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

Update: 2021-08-11 09:02 GMT

नई दिल्‍ली (एएनआई)। भारत ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित की गई एक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। ये परीक्षण ओडिशा स्थित बालासोर में किया गया है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने करीब 150 किमी का सफर पूरा किया। इस मिसाइल में इंडीजिनीयस क्रूज इंजन लगा है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भविष्‍य में इस मिसाइल के और भी परीक्षण किए जाएंगे। इस मिसाइल का परीक्षण में खरा उतरना चीन और पाकिस्‍तान दोनों के ही लिए खतरे की घंटी है। इससे पहले भारत ने यहां से ही आकाश मिसाइल (Akash-NG) का भी सफल परीक्षण किया था। ये मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली है।

इससे पहले भारत ने यहां से ही आकाश मिसाइल (Akash-NG) का भी सफल परीक्षण किया था। ये मिसाइल जमीन से हवा में मार करने वाली है। इससे दो दिन पहले डीआडीओ ने पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था।
गौरतलब है कि भारत बड़ी तेजी के साथ अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है। इसके तहत भारत जहां अपनी सेनाओं को अत्‍याधुनिक करने में लगा हुआ है वहीं अपनी सुरक्षा के लिए नई मिसाइलों के निर्माण में भी आगे बढ़ रहा है। पिछले माह की भारत ने अग्नि मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया था। यहां पर आपको ये भी बता दें कि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्‍तान और चीन दोनों ही भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। इसको देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा में कोई कमी नहीं रखना चाहते हैं।
चीन लगातार भारतीय सीमा के निकट अपनी सेना का जमावड़ा कर रहा है। वो लगातार भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत न सिर्फ सीमा के करीब अपनी वायु सेना के लिए नए ठिकाने बना रहा है बल्कि दूसरे साजो सामान की पहुंच को आसान बनाने के लिए ढांचागत निर्माण भी कर रहा है। इसको देखते हुए ये बेहद जरूरी है कि भारत अपनी तैयारी को पुख्‍ता रखे। दो दिन पहले भारत ने अपने दूसरे एयरक्राफ्ट करियर को भी पानी में उतारकर उसकी टेस्टिंग शुरू कर दी है।
बता दें कि भारत पास दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसका नाम ब्रह्मोस है। इस मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। कुछ समय पहले इसकी रेंज को बढ़ाया गया था। ये करीब 4300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती है। इसका अचूक वार दुश्‍मन को संभलने का मौका नहीं देता है।


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