इंडियन टेक्नोलॉजी प्रौद्योगिकी का भारत के अभ्युदय में हैं बेहद खास स्थान: विदेश मंत्री एस जयशंकर

Update: 2022-11-29 11:47 GMT

दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत के अभ्युदय में भारतीय प्रौद्योगिकी का खास स्थान रहा है तथा देश अब उन क्षेत्रों में विकास को लेकर संशयवादी नहीं रह सकता, जिनके मजबूत राजनीतिक निहितार्थ हों। वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत जी-20 समूह की अपनी अध्यक्षता का उपयोग वैश्विक दक्षिण से जुड़े अपने हितों एवं चिंताओं को रेखांकित करने के लिये करेगा, जो वर्षों से नजरंदाज रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा, भारत का अभ्युदय, भारतीय प्रौद्योगिकी के विकास से करीबी रूप से जुड़़ा है। यह सेमीकंडक्टर क्षेत्र हो सकता है, 5जी या कृत्रिम बुद्धिमता का क्षेत्र हो सकता है । यह वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण, उपग्रह तैयार करने का क्षेत्र हो सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत का भू-राजनीतिक रुख तय करने में प्रौद्योगिकी को पर्याप्त महत्व दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुध्रुवीय विश्व में गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। जयशंकर ने कहा, हम प्रौद्योगिकी को लेकर संशयवादी नहीं रह सकते हैं। हमें यह सोचना बंद करना होगा कि प्रौद्योगिकी को लेकर कुछ निरपेक्ष है। अधिक से अधिक चीजें प्रौद्योगिकी संचालित हैं और हमें यह समझना होगा कि प्रौद्योगिकी से जुड़े मजबूत राजनीतिक निहितार्थ हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक रणनीतिक स्वायत्तता का सिद्धांत वैश्विक पुन: संतुलन स्थापित करने में महत्वपूर्ण होगा और बड़े देश सतत रूप से अधिक प्रौद्योगिकी सक्षम होने को लेकर प्रयासरत होंगे। उन्होंने कहा, पिछले दो वर्षों में खासतौर पर भारत में हमने इस बात पर ध्यान दिया है कि हमारा डाटा कहां है, इसका संचालन कौन करता है और इसके साथ वह क्या करता है और यह बेहतर महत्वपूर्ण प्रश्न है।

अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के अपने समकक्षों के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत द्वारा विकसित डिजिटल रूप से सक्षम आपूर्ति प्लेटफॉर्म को लेकर उन्होंने काफी रुचि दिखायी। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा से जुड़़ी पहल खासतौर पर 80 करोड़ गरीबों को नि:शुल्क खाद्यान्न के वितरण की सरकार की पहल और प्रत्यक्ष नकद अंतरण से जुड़ी पहल का जिक्र किया ।

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