भारतीय रेल ने 122.14 मिट्रिक टन माल-लदान करके बनाया जुलाई माह का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड
जबलपुर: भारतीय रेल ने जुलाई 2022 में 122.14 मीट्रिक टन माल-लदान करके जुलाई महीने में किये जाने वाले कामकाज में अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड कायम किया है। जुलाई माह में क्रमागत माल-लदान 9.3 मीट्रिक टन रहा, यानी 2021 में अर्जित जुलाई के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों की तुलना में 8.25 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही भारतीय रेल ने मासिक माल-लदान में लगातार 23 महीने तक अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
इसी प्रकार पश्चिम मध्य रेल ने भी जुलाई 2022 में 04.28 मीट्रिक टन माल-लदान करके जुलाई महीने में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। गत वर्ष जुलाई माह में माल-लदान 03.70 मीट्रिक टन रहा, यानी 2021 में अर्जित जुलाई के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों की तुलना में 15.63 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय रेल ने कोयले की 11.45 मीट्रिक टन की क्रमागत लदान की। इसके बाद 1.22 मीट्रिक टन अन्य माल, 0.56 मीट्रिक टन सीमेंट व बजरी और कंटेनर तथा पीओएल की 0.47 मीट्रिक टन माल-लदान की।
मोटर-वाहन की लदाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्तवर्ष 2022-23 में माल-व्यापार का यह एक अन्य उदाहरण है। वित्तवर्ष 2022-23 में 1698 रेकों में माल लादा गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 994 रेकों पर माल लादा गया था। इस तरह यहां 71 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
एक अप्रैल, 2022 से 31 जुलाई, 2022 तक समग्र माल-लदाई 501.53 मीट्रिक टन हुई, जबकि 2021-22 में 452.13 मीट्रिक टन माल-लदाई हुई थी, यानी इस तरह 10.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
पमरे में भी अप्रैल, 2022 से जुलाई, 2022 तक माल लदान 17.56 मीट्रिक टन हुई, जबकि 2021-22 में 15.20 मीट्रिक टन माल-लदान हुई थी, यानी इस तरह 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
शुद्ध टन किलोमीटर (एनटीकेएम) के हिसाब से देखा जाये, तो इस मद में जुलाई 2021 में 63.3 अरब की तुलना में जुलाई 2022 में यह 75 अरब रहा, यानी इसमें भी 19.36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
बिजली घरों तक कोयले की आपूर्ति को बढ़ाने के लिये रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिये वह बिजली और कोयला मंत्रालय के साथ काम कर रहा है। यह जुलाई माह में माल-लदान प्रदर्शन में प्रमुख विशेषता रहा। बिजली घरों तक कोयले की लदान (घरेलू और आयातित, दोनों) जुलाई में 13.2 मीट्रिक टन बढ़ी, जबकि पिछले वर्ष बिजली घरों तक 34.74 मीट्रिक टन कोयला पहुंचाया गया था। इस तरह इसमें 38 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। समग्र रूप से देखें तो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में इस वर्ष के शुरूआती चार माह में रेलवे ने बिजली घरों तक 47.95 मीट्रिक टन से अधिक की अतिरिक्त ढुलाई की। इस तरह इसमें 32 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई।