भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद : जून तक रोजाना 45 लाख कोविड टेस्ट करने का लक्ष्य

सरकार जून के अंत तक कोरोना संबंधी जांच की दैनिक संख्या मौजूदा 16-20 लाख से बढ़ाकर 45 लाख तक करना चाहती है।

Update: 2021-05-20 17:51 GMT

केंद्र ने गुरुवार को कहा कि सरकार जून के अंत तक कोरोना संबंधी जांच की दैनिक संख्या मौजूदा 16-20 लाख से बढ़ाकर 45 लाख तक करना चाहती है। पिछले 24 घंटे में देश में रिकार्ड 20.55 लाख नमूनों की जांच की गई। जांच क्षमता बढ़ाने के क्रम में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने घर आधारित एक रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) किट को भी मंजूरी दी है जो माइलैब डिस्कवरी साल्यूशंस लिमिटेड, पुणे ने विकसित की है।

तीन और आरएटी को मंजूरी जल्द
आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि तीन और कंपनियों द्वारा निर्मित किट भी लाइन में हैं और इन्हें एक सप्ताह के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। भार्गव ने कहा कि घर में ही कोरोना संक्रमण की जांच के लिए तैयार की गईं किट तीन-चार दिन में बाजार में उपलब्ध होगी।उन्होंने कहा कि जांच क्षमता को बढ़ाने के लिए आइसीएमआर ने 105 से अधिक रैपिड एंटीजन जांच कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को स्वीकृति दे दी है।
भार्गव ने कहा कि हम अभी 16-20 लाख जांच कर रहे हैं। इस महीने के अंत तक हमारे पास प्रतिदिन 20 लाख जांच करने की क्षमता है। लेकिन अगले महीने के अंत तक हमारे पास 45 लाख तक की संख्या में जांच करने की क्षमता होगी। क्योंकि आइसीएमआर ने 105 से अधिक आरएटी कंपनियों को मान्य किया है और उनमें से 41 को मंजूरी प्रदान की है तथा उनमें से 31 स्वदेशी हैं। उन्होंने कहा कि 45 लाख जांच में से 18 लाख आरटी-पीसीआर जांच होंगी और 27 लाख रैपिड एंटीजन जांच होंगी।
घर में खुद करें कोरोना की जांच
उन्होंने कहा कि घर में जांच के लिए आप मेडिकल स्टोर से किट खरीदिए और फिर मोबाइल एप डाउनलोड कीजिए, पंजीकरण करिए और नियमावली पढि़ए। फिर खुद अपनी जांच करिए और मोबाइल से फोटो खींचिए और अपलोड कीजिए। मोबाइल फोन आपको परिणाम बताएगा। भार्गव ने कहा कि दूसरी लहर में हमें आरएटी जांच बढ़ानी होगी, हमने सभी मुख्य सचिवों को लिखा है और उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया है। नगरों और गांवों में 24 घंटे सातों दिन काम करने वाले अनेक आरएटी बूथ स्थापित किए जाएंगे।
ठीक से मास्क नहीं लगा रहे लोग
उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि 50 फीसद लोग अब भी मास्क नहीं पहनते, और जो लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से लगभग 64 फीसद लोग ऐसे हैं जो मास्क पहनकर सिर्फ अपना मुंह ढंकते हैं, लेकिन नाक को नहीं ढकते। 20 फीसद इसे ठुड्डी पर रखते हैं तो दो प्रतिशत इसे गले में डालकर रखते हैं। भार्गव ने कहा कि 25 शहरों में दो हजार लोगों पर किए गए अध्ययन से ये बातें सामने आई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिन से कोरोना के उपचाराधीन मामलों में लगातार कमी आ रही है।
कम हो रहा कोरोना का कहर
उन्होंने कहा कि तीन मई को उपचाराधीन मामले कुल मामलों का 17.13 फीसद थे जो अब कुल मामलों का 12.1 फीसद हैं। लोगों के ठीक होने की दर में भी सुधार देखने को मिला है। तीन मई को यह 81.7 फीसद थी जो अब 86.7 प्रतिशत हो गई है।उन्होंने कहा कि भारत में फरवरी के मध्य से कोरोना संबंधी जांच की संख्या में साप्ताहिक रूप से लगातार वृद्धि हो रही है और 12 सप्ताह में इसमें औसतन 2.3 गुना की वृद्धि हुई है।
अग्रवाल ने कहा कि 10 सप्ताह तक कोरोना वायरस संक्रमण दर में लगातार वृद्धि के बाद, पिछले दो सप्ताह से मामलों में कमी की खबरें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल से पांच मई तक ऐसे जिलों की संख्या 210 थी जहां संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन 13 से 19 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है। अग्रवाल ने कहा कि देश में बुधवार को संक्रमण दर 13.31 प्रतिशत थी जो एक महीने में सबसे कम है।


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