भारतीय कंपनियां स्पुतनिक वी टीके की हर साल 70 करोड़ खुराकों का करेंगी उत्पादन
बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) की सचिव रेणु स्वरूप ने बुधवार को कहा कि देश में चार से पांच टीके क्लीनिकल परीक्षण के काफी आगे के चरणों में हैं।
बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) की सचिव रेणु स्वरूप ने बुधवार को कहा कि देश में चार से पांच टीके क्लीनिकल परीक्षण के काफी आगे के चरणों में हैं। उन्होंने कहा कि तीन टीकों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। स्वरूप ने कहा कि टीका उत्पादन क्षमता बढ़ाने और उन्हें कम से कम समय में उपलब्ध कराने के लिए तैयारियां की गई हैं। डीबीटी सचिव ने बताया कि डॉ. रेड्डीज समेत छह भारतीय कंपनियां सामूहिक रूप से रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी की हर साल 70 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेंगी।
स्वरूप ने कहा कि जायडस कैडिला, बायोलॉजिकल ई, जेननोवा और भारत बायोटेक के टीका उम्मीदवारों को 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है। स्वरूप का बयान ऐसे वक्त में आया है जब सरकार ने टीकाकरण अभियान का दायरा बढ़ाते हुए 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीका लगाने की मंजूरी दी। जायडस कैडिला का डीएनए टीका, बायोलॉजिकल ई का प्रोटीन सबयूनिट, जेननोवा का एमआरएनए और भारत बायोटेक का एक खुराक वाला टीका परीक्षण में आगे के चरणों में हैं।
डीबीटी सचिव रेणु स्वरूप ने कहा, 'बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने इन टीकों के शुरुआती चरण में उम्मीदवारों को प्रौद्योगिकी, परामर्श और वित्तीय सहयोग मुहैया कराया है। अब कोविड सुरक्षा मिशन के तहत क्लीनिकल परीक्षण के आगे के चरण के लिए टीका उम्मीदवारों को करीब 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है।' रेणु स्वरूप ने बताया कि भारत में तीन टीके हैं, जिन्हें आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, इनके अलावा चार से पांच टीके ऐसे हैं जो क्लीनिकल परीक्षण में काफी आगे के चरणों में हैं।