गलवन घाटी में भारतीय सेना ने नए साल पर फहराया तिरंगा, ड्रैगन की नापाक करतूतों को मुंहतोड़ जवाब

गलवन घाटी में तिरंगा लहराते भारतीय सैनिकों की तस्वीर के साथ भारत ने चीन के दुष्प्रचार का करारा जवाब दिया है।

Update: 2022-01-04 16:32 GMT

गलवन घाटी में तिरंगा लहराते भारतीय सैनिकों की तस्वीर के साथ भारत ने चीन के दुष्प्रचार का करारा जवाब दिया है। इस तस्वीर में गलवन नदी के निकट चौतरफा जमी बर्फ की चादरों के बीच जोशीले अंदाज में विशाल तिरंगा लहराते हुए भारतीय सैनिक गलवन घाटी में अपने प्रभुत्व का साफ संदेश दे रहे हैं। नए साल पर भारतीय सेना के निरीक्षण पोस्ट के सामने अपने राइफल के साथ चीन के दुष्प्रचार का जवाब देते हुए भारतीय सैनिक एलएसी पर चीन की चुनौती का मजबूती से जवाब देने का भी संदेश देते नजर आ रहे हैं।

भारत को चीन का जवाब
इस तस्वीर के जरिये भारत ने साफ किया है कि गलवन घाटी की मौजूदा जमीनी यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।चीनी सेना (पीएलए) द्वारा तीन दिन पहले जारी वीडियो के जवाब में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठान तंत्र से जुड़े सूत्रों ने मंगलवार को गलवन घाटी में तिरंगा लहराते भारतीय सैनिकों की दो तस्वीर जारी की। पीएलए ने वीडियो में चीन का झंडा लहराते अपने सैनिकों की छोटी फुटेज सरकारी प्रचार माध्यमों के जरिये जारी की थी। इसमें चीनी सैनिक अपने देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। इस वीडियो में पीछे एक पोस्टर भी लगा है, जिस पर एक इंच जमीन भी नहीं देने का संदेश लिखा था। चीन के इस वीडियो पर राजनीतिक दलों से लेकर कई विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से स्थिति साफ करने को कहा था। चीन के दुष्प्रचार से उत्पन्न गफलत का जवाब देने के लिए गलवन में तिरंगा लहराते भारतीय सैनिकों की तस्वीरें जारी की गई है।
तिरंगे के साथ सैनिकों की तस्वीर
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैनिकों की यह तस्वीर एक जनवरी की है, जब वे गलवन के अपने इलाके में अस्थायी सैन्य चौकी पर इकट्ठे हुए। चीनी सेना को किसी तरह की गफलत पैदा करने की गुंजाइश न मिले, इसके मद्देनजर तिरंगा लिए सैनिकों के साथ सेना की स्थानीय फार्मेशन का झंडा भी अस्थायी निरीक्षण पोस्ट पर साफ दिखाई दे रहा है। पहली तस्वीर में करीब 30 भारतीय सैनिक जोश के साथ तिरंगा लहरा रहे हैं तो दूसरी तस्वीर में वहां बने अस्थायी सैन्य पोस्ट पर लगे पोल पर तिरंगा लहरा रहा है।बी                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 
चीन का दोगला चरित्र
एलएसी पर चीन की चालबाजी और दुष्प्रचार की रणनीति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नए साल के पहले दिन पूर्वी लद्दाख और सिक्किम के इलाके समेत करीब 10 सीमा चौकियों पर पीएलए ने भारतीय सेना के साथ मिठाई का आदान-प्रदान कर सद्भावना का दिखावा किया। दूसरी ओर, इसी दौरान भ्रामक वीडियो जारी कर गलवन घाटी के प्रभुत्व को लेकर दुष्प्रचार करने की कोशिश की। भारतीय सैन्य सुरक्षा तंत्र से जुड़े सूत्रों के अनुसार चीनी सैनिकों का यह वीडियो गलवन घाटी में चीन के इलाके का है और भारतीय सैनिकों की तस्वीरें भी गलवन घाटी में भारत के प्रभुत्व वाले क्षेत्र की है।
चीन के नापाक इरादे
गलवन से जुड़े पीएलए के भ्रामक वीडियो के बाद चीनी सेना के पैंगोंग झील पर पुल का निर्माण किए जाने की खबरें सीमा पर चीन के लगातार बढ़ते आक्रामक रुख का संकेत दे रही हैं। माना जा रहा है कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण छोर के बीच अपने सैनिकों का आवागमन आसान बनाने के लिए फिंगर आठ से करीब 20 किलोमीटर दूर चीन इस पुल का निर्माण कर रहा है, जो उसके दक्षिण में रोटूग मिलिट्री बेस के करीब है। पुल बन जाने के बाद इस इलाके से रोटूग सैन्य बेस की मौजूदा करीब 150 किलोमीटर की दूरी करीब 50 किलोमीटर से भी कम रह जाएगी। मालमू हो कि अप्रैल-मई 2020 से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की हरकतों से एलएसी पर भारत और चीन के बीच सैन्य तनातनी का दौर जारी है।


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